बच्चों का पन्ना

कुशल वैद्य होते हैं बच्चे

चित्त उदास और मन चंचल,

हो तो यह कर डालें|

चलकर किन्हीं सड़क गलियों में,

बच्चा गोद गोद उठा लें|

 

बच्चे को गुदगुदी लगाकर,

उसको खूब हँसा लें|

वह लग जाये ठिल ठिल करने,

तो खुद भी मुस्करा लें|

 

खुशियों के उन, मुक्त पलों को,

आंखों में बैठा लें|

कुशल वैद्य होते हैं बच्चे,

बस इलाज करवा लें|