– कुलदीप चन्द अग्निहोत्री
राहुल गान्धी भारतीय संसद में विपक्ष के नेता हैं । वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भी नेता हैं । वैसे लोकलाज के लिए कर्नाटक के एक वयोवृद्ध व्यक्ति मल्लिकार्जुन जी को अध्यक्ष के रूप में घोषित किया हुआ है लेकिन सभी जानते हैं के ‘लोकलाज’ के बाद असली अध्यक्ष राहुल गान्धी ही हैं । राहुल गान्धी का एक गुण है । वे अपनी किसी बात को मन में छिपा नहीं पाते । इसलिए लोग उन्हें पप्पू भी कहते थे । जाहिर है कांग्रेस को अपने अध्यक्ष (वे इससे पहले आधिकारिक तौर पर पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं) के लिए यह विशेषण चुभता था । लेकिन इससे छुटकारा कैसे पाया जाए ? यह बडी समस्या थी । तब किसी ‘भलेमानुस’ ने सलाह दी कि राहुल गान्धी से एक लम्बी पैदल यात्रा करवाई जाए । यात्रा से ज्ञान बढ़ता है और लोगों से मिलने जुलने से व्यवहारिक बुद्धि भी बढ़ती है । पैदल यात्रा सही सलामत सम्पन्न हो गई । तब मीडिया ने भी लिखना शुरु कर दिया की राहुल गान्धी अब ‘मैच्योर’ हो गए हैं । उनकी बातें से ऐसा झलकने भी लगा है । पार्टी में ख़ुशियाँ छा गईं । पचास साल से भी ज्यादा उम्र हो जाने पर भी पार्टी ने अपने नेता व रहबर के ‘मैच्योर’ होने का भी बाक़ायदा सार्वजनिक रूप से जश्ननुमा उल्लास प्रकट किया । लेकिन उनमें सांसारिक व व्यवहारिक बुद्धि बढ़ी या नहीं , इस पर सन्देह बरक़रार रहा । व्यवहारिक आदमी या पार्टी जब किसी योजना को बनाती है , ख़ास कर ऐसी योजना जिसका क्रियान्वयन बहुत ही मुश्किल हो , उसका तब तक ख़ुलासा नहीं करती , जब तक उसके लिए पूरी तैयारी , साधन , सहायक इत्यादि जुटा न लिए जाएँ ।
लगता है राहुल गान्धी यात्रा के बाद भी नहीं बदले । लेकिन अब उनको पप्पू नहीं कहा जा सकता , क्योंकि पप्पू से लोग किसी बडे काम या योजना की आशा नहीं करते । यदि कहना ही हो तो उन्हें ‘भोला’ कहा जा सकता है , जो बिना किसी छल कपट के अपनी सभी योजनाएँ अपने विरोधियों को भी बता देता है । राहुल गान्धी ने दो दिन पहले यही काम करके अपनी कांग्रेस पार्टी की अन्दरूनी योजना का ख़ुलासा कर दिया । कांग्रेस ने दिल्ली में अपना पुराना दफ़्तर छोड दिया है और अब नया दफ़्तर खोला है । इस अवसर पर राहुल गान्धी ने एक सच उगल दिया । उन्होंने कहा कांग्रेस भाजपा से लड रही है , आर एस एस से लड रही है । यहाँ तक तो ठीक था । सभी जानते हैं कि कांग्रेस भाजपा से लड रही है । चुनाव बगैरह में यह देखा ही जाता है । कांग्रेस आर.एस.एस से भी लड रही है , यह भी राहुल गान्धी कोई नई बात नहीं बता रहे थे । कांग्रेस तो नेहरु के वक़्त से ही कांग्रेस से लड रही है । लेकिन उसके बाद राहुल गान्धी ने कांग्रेस की भीतर की तैयारी का भी ख़ुलासा कर दिया । उन्होंने कहा दरअसल कांग्रेस तो ‘इंडियन स्टेट’ से लड रही है । अब कांग्रेस के लोग कह रहे हैं , राहुल गान्धी भोला है , किसी भी बात को छुपा कर नहीं रख पाता ।
जब राहुल गान्धी अपनी पार्टी का यह घोषणा पत्र बता रहे थे तो सामने बैठे कांग्रेस के बुजुर्ग नेता सन्नाटे में थे । सारा गुड गोबर कर दिया । समय से पहले ही पार्टी की अन्दरूनी योजना जग जाहिर कर दी । अब लडाई कितनी मुश्किल हो जाएगी । दरअसल इंडिया स्टेट से की जाने वाली यह लडाई नई नहीं है । यह लडाई आठवीं शताब्दी में अरबों ने शुरु की थी । उसके बाद तुर्कों ने इसे जारी रखा । इसके बाद मुगल आए । उसके साथ ही पुर्तगालियों ने इंडिया सटेट के खिलाफ यह लडाई जारी रखी । पुर्तगाल के बाद फ़्रांस और ब्रिटेन ने इंडिया स्टेट के खिलाफ लडाई जारी रखी । 1947 में अंग्रेज़ कांग्रेस को सत्ता का हस्तान्तरण करने के बाद यहाँ से चले गए । तब भारत के लोगों ने समझा था कि शताब्दियों से चली आ रही इंडिया स्टेट के खिलाफ यह लडाई समाप्त हो गई है । लेकिन अब ‘इंडियन नैशनल कांग्रेस’ के सर्वेसर्वा राहुल गान्धी ने यह रहस्योद्घाटन करके सबको चौंका दिया है कि कांग्रेस तो वास्तव में इंडियन स्टेट से ही लड रही है । सबसे दुख की बात तो यह है कि जिस पार्टी का नाम ‘इंडियन’ है य वही पार्टी ‘इंडियन स्टेट’ से लड रही है । इससे तो लगता है कि पार्टी ने अपने नाम के आगे इंडियन और नैशनल , जो दो शब्द लगा रखे हैं , वे आम लोगों को धोखा देने के लिए है । वैसे राहुल गान्धी ने यह ख़ुलासा नहीं किया कि पार्टी ने इंडियन स्टेट के खिलाफ जो लडाई छेड़ रखी है , वह 1947 से ही चली हुई है या फिर जब से कांग्रेस पर सोनिया गान्धी परिवार का कब्जा हुआ है , तब से पार्टी ने अपना ध्येय और रास्ता बदला है । देश में और भी कई संगठन हैं जिन्होंने इंडियन स्टेट से युद्ध की घोषणा कर रखी है । उदाहरण के लिए विविध नक्सलवादी ग्रुप हैं , कुछ चरमपंथी इस्लामी संगठन मसलन आई एस आई एस हैं , इसके अतिरिक्त ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे हज़ार’ का उद्देष्य लेकर काम करने वाले छोटे छोटे समूह हैं । विदेशों की कुछ नाम अनाम शक्तियों ने भी इंडियन स्टेट के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है । चीन तो सीमा पर हमला ही करता है । इस पृष्ठभूमि में राहुल गान्धी का रहस्योद्घाटन सचमुच चिन्ता पैदा करता है । इंडियन स्टेट से लडने वाले अन्य समूह व पार्टियाँ खुल कर काम कर रही थीं । इससे भारतीय उसका मुक़ाबला भी करते हैं । लेकिन अब राहुल गान्धी का कहना है कि उनकी पार्टी भी इसी काम में लगी हुई है । इसलिए यह सारा मामला गंभीर हो जाता है और सरकार को बाक़ायदा इस की जाँच करवाने चाहिए कि कांग्रेस ने क्या इंडियन स्टेट से लडने वाले अन्य समूहों से गठजोड़ तो नहीं बना लिया है ? यह तो अच्छा हुआ कि राहुल गान्धी ने अपने भोलेपन में पार्टी की इस भीतरी नीति का ख़ुलासा समय से पहले ही कर दिया ,अन्यथा मामला और गंभीर हो जाता । अमेरिका में बैठे जार्ज सोरोस इंडियन स्टेट से लड ही रहे हैं । दो दिन के बाद भूतपूर्व हो जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने इस सेरोस को अमेरिका का सबसे बड़ा सम्मान देकर उसका क़द भी बढ़ाया है । विदेशों में ऐसे कई सेरोस हैं जो भारत से दुखी हैं । क्या इसे संयोग कहा जाए कि राहुल गान्धी जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो कोई नई योजना लेकर आते हैं ।