भारतीय पत्रकारों का निष्कासन पाक का कायराना कदम

-रमेश पाण्डेय-
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इसे कायराना कदम न कहा जाये तो और क्या कहा जाये। जब से पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सरकार बनी है। भारत के प्रति उसका रवैया कुछ अच्छा नहीं है। नवाज शरीफ का रवैया भारत के प्रति शराफत का नहीं है। अब जब भारत में नई सरकार का गठन होने जा रहा है तो ऐसे समय में दो भारतीय पत्रकारों को निष्कासित कर पाकिस्तान ने दोनों देश के संबंधों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है। पाकिस्तान का यह कदम पड़ोसी देश के नाते बेहद निन्दनीय है। पूरी घटनाक्रम पर नजर डालें तो पाकिस्तान ने अपने यहां तैनात दो भारतीय पत्रकारों को निष्कासित कर उनसे बगैर कोई कारण बताए सात दिन के अंदर देश छोड़ने को कहा है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के स्नेहेश एलेक्स फिलिप और द हिंदू अखबार की मीना मेनन को 13 मई 2014 की देर रात पाकिस्तान सरकार की विदेश प्रचार शाखा का पत्र मिला। पत्र में उन्हें सूचित किया गया था कि अनाम ‘सक्षम प्राधिकार’ ने उनकी वीजा अवधि में किसी तरह का विस्तार नहीं किए जाने का फैसला किया है। फिलिप और मीना करीब नौ महीनों से इस्लामाबाद में हैं। पाकिस्तान में सिर्फ यही दो भारतीय पत्रकार हैं। उनसे 20 मई तक देश छोड़ने को कहा गया है। पाकिस्तान में भारतीय पत्रकारों को एक बार में सिर्फ कुछ महीने के लिए ही वीजा दिए जाने की व्यवस्था है और इसके बाद उन्हें बार बार इसकी अवधि में विस्तार करना होता है। फिलीप से पहले केजेएम वर्मा और रिजाउल एच लस्कर इस्लामाबाद में छह-छह साल से अधिक रह चुके हैं। फिलीप की पत्नी एक पारिवारिक शादी में शरीक होने के लिए जनवरी में भारत आई थी लेकिन वह वापस नहीं जा सकी क्योंकि उन्हें वीजा जारी नहीं किया गया। भारत में एक नई सरकार के गठन होने के कुछ ही दिन पहले यह कदम उठाया गया है जो कूटनीतिक दृष्टि से अच्छी नहीं है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1970 के दशक के आखिर में एक दूसरे के यहां दो-दो पत्रकार रखने का एक समझौता हुआ था। पीटीआई ने तब से पाकिस्तान में नियमित तौर पर संवाददाता रखा है और समय समय पर कुछ पाकिस्तानी पत्रकार भारत में रखे गए, हालांकि अभी पाकिस्तान से कोई पत्रकार नहीं है। पाकिस्तान ने न्यूयार्क टाइम्स के संवाददाता डेकन वाल्श को भी पिछले साल बगैर कोई स्पष्टीकरण दिए एक संक्षिप्त नोटिस पर निकाल दिया था। मीडिया ही दोनों देश के संबंधों को लेकर सकारात्मक पहल करने का सशक्त माध्यम है। पाकिस्तान उस माध्यम को भी अवरुद्ध करना चाह रहा है। जाहिर है कि ऐसा करके पाकिस्तान भारत विरोधी मुहिम को छिपाना चाह रहा है। पिछले कुछ सालों से भारत के साथ संबंधों को लेकर पाकिस्तान का रवैया सहज नहीं दिखाई दे रहा है। सीमा पर लगातार नियमों का उल्लंघन कर भारतीय सीमा में गोलीबारी की जा रही है। पाकिस्तान द्वारा भारतीय पत्रकारों के निष्कासित किए जाने पर भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी? यह तो आने वाला समय बताएगा, पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के इस कदम की कड़ी निन्दा की जानी चाहिए।

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