नारी को अबला न समझना

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नारी को अबला न समझना तुम
वह गगन मे वायुयान उड़ाती है।
कल्पना बन कर यही नारी,
अब अंतरिक्ष में पहुंच जाती हैं।।

विद्वता मे वह अब कम नहीं,
उच्च शिक्षा लेकर उच्च अंक पाती हैं।
बड़े बड़े स्कूल व कॉलिजो में भी
वह अब पुरुषों को भी पढ़ाती हैं।।

युद्ध क्षेत्र में भी वह बढ़ चढ़ कर,
वह रण कौशल अपने दिखाती हैं।
झांसी की रानी बनकर भी वह,
आधुनिक हथियार चलाती है।।

नारी घूघंट वाली नारी नहीं,
वह पुरुषों का मुकाबला करती हैं,
वह हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर,
पुरुषों से आगे वह रहती है।।

विधमान हैं वह हर पद पर,
कोई उच्च पद न उससे छूटा है।
राष्ट्रपति प्रधान मंत्री बन वह
पाटिल इंदिरा उदाहरण अनूठा है।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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