कविता

मत कर नारी जाति का अपमान

—विनय कुमार विनायक
मत कर नारी जाति का अपमान,
नारी मां, बहन और पुत्री समान!

नारी का सब रुप परम पवित्र है,
नारी है देवी-देवता और भगवान!

मत कर अत्याचार नारी पर बंदे,
नारी देती है नर को जीवनदान!

नारी के हर रुप में सभी रुप है,
नारी देवी, जीवनसाथी धर्मप्राण!

नारी से ये जग उजियारा लगते,
बिना नारी अस्तित्वहीन इंसान!

नारी है तो घर स्वर्ग से सुन्दर,
बाह्यजगत में प्रकृति की जान!

नारी घर परिवार को संभालती,
नारी से बनी ये दुनिया जहान!

नारी के सशक्तिकरण से होगा,
सारे सृष्टि जगत का कल्याण!

नारी पढ़ेंगी तो हर पीढ़ी पढ़ेगी,
घर के बच्चे बूढ़े होंगे विद्वान!

चाहिए नारीपन को आज सुरक्षा,
गर्भ में हो नारीत्व का सम्मान!
—विनय कुमार विनायक