मुक्के की सगाई

मुक्केजी की हुई सगाई,
सबने खूब मिठाई खाई।
वरमाला ले दौड़ी आई,
दुल्हन बनकर घूँसा बाई।

फिर कुछ दिन के बाद तमाशा,
शुरू हो गया मेरे भाई।
घूँसा बाई की मुक्के से
हर दिन होने लगी लड़ाई।

Previous articleवृश्चिक राशि – वार्षिक राशिफल 2022
Next articleगुजरात की अदालत में गुजराती नहीं
प्रभुदयाल श्रीवास्तव
लेखन विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन प्रकाशन लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं हम सब साथ साथ दिल्ली,शुभ तारिका अंबाला,न्यामती फरीदाबाद ,कादंबिनी दिल्ली बाईसा उज्जैन मसी कागद इत्यादि में कई रचनाएं प्रकाशित|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here