तपते लोहे पर वक्त की सही चोट है हरियाणा में फिल्म सिटी का बनना

0
202

सुशील कुमार ‘नवीन’

हरियाणा सरकार पिंजौर के पास फिल्मसिटी बनाने के लिए अब पूरे मूड में है। घोषणा तो दो साल पूर्व की है पर सरकार की सक्रियता से लगता है कि लोगों का यह सपना अब जल्द पूरा होगा। अनिश्चितता के दौर से गुजर रही मायानगरी मुम्बई का हरियाणा बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। 

फिल्मसिटी बनाने के लिए सबसे जरूरी वहां का माहौल होता है। जिसकी हरियाणा में कोई कमी नहीं है। अट्रैक्टिव टूरिस्ट स्पॉट, झील-सरोवर, पोखर, खेत-खलिहान, बालू रेत के ऊंचे टीले, आकाश के साथ-साथ पाताल को छूती खानक-डाडम की पहाड़ियां, गहरे-घने जंगल, देसी संस्कृति। कहने को यहां वो सब कुछ है जो फिल्मांकन के लिए जरूरी है। 

हरियाणा का गीत-संगीत आज पूरे विश्वपटल पर छाया हुआ है। लोगों को हंसाने में हरियाणवीं कलाकार यू ट्यूब पर सर्वाधिक सब्सक्राइबर्स के साथ धूम मचाए हुए है। गीत-संगीत, कविताई ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां आज हरियाणा की तूती न बोलती हो। गीत-संगीत के आधुनिक ट्रेंड ने म्यूजिक इंडस्ट्री में धमाल मचाया हुआ है। डीजे पर बजने वाले गीतों में सबसे ज्यादा भागीदारी हरियाणवीं गीतों की होती है। दंगल, सुल्तान जैसी फिल्मों की सफलता में हरियाणवी कल्चर ही प्रमुख था। यही नहीं टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले धारावाहिकों में हरियाणा की स्टोरी, बैकग्राउंड, कलाकार आदि प्रमुखता से इस्तेमाल किये जा रहे हैं। 

दूसरी सबसे बड़ी जरूरत सरकार के सहयोग की होती है।सरकार पहले ही फ़िल्म पालिसी बनाकर फ़िल्म निर्माताओं को विभिन्न रियायतें प्रदान करने का निर्णय ले चुकी है। फ़िल्म साइटस की हरियाणा में कोई कमी नहीं है। कुरुक्षेत्र-पानीपत जैसे ऐतिहासिक युद्ध मैदान हैं तो हिल स्टेशन सी मोरनी हिल है। पिंजौर गार्डन में तो पहले भी कई गाने फिल्माए जा चुके है। अरावली की पहाड़ियां, राजस्थान की सीमा से लगे भिवानी जिले के कई इलाकों की साइट जैसलमेर-बीकानेर से कम नहीं है। करनाल, पानीपत अम्बाला के खेतों में छाई रहने वाली हरियाली पंजाब की हरियाली स्पॉट को भी शर्मिंदा करने का मादा रखती है। माधोगढ़(महेन्दरगढ़) का किला,हिसार का गुजरी महल राजा-महाराजाओं की कहानी पर बनने वाले धारावाहिकों और फिल्मों के लिए शानदार स्पॉट हैं। धार्मिक माहौल के साथ रोमांचकता फिल्माने के लिए तोशाम की बाबा मुंगीपा पहाड़ी, देवसर और पहाड़ी माता के मंदिर के स्पॉट है।

पिंजौर गार्डन, टाउन पार्क हिसार, क्लेसर के जंगल, सुल्तानपुर झील आदि की सुंदरता कैमरे में कैद होने को हर समय आतुर रहती है। यहां की माटी में जन्मे कलाकार मुम्बई में पहले ही झंडा गाड़े हुए हैं। सतीश कौशिक, यशपाल शर्मा, रणदीप हुडा, जगदीप अहलावत आदि से सब भली भांति से परिचित हैं। 

वर्तमान में फ़िल्मनगरी मुम्बई जिस दौर से गुजर रही है। वह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सुशांत सिंह की मौत ने आज पूरी फिल्म इंडस्ट्री को हिलाकर रखा हुआ है। ऐसे दौर में हरियाणा अपनी खुद की फिल्मसिटी बनाने का स्वप्न सिरे चढ़ाता है तो निश्चिन्त रूप से एक सही कदम होगा। तो मुख्यमंत्री जी, लोहा गर्म है, वक्त का हथौड़ा उठाइये और मार दीजिए सीधी चोट। हजारों लोगों को रोजगार के सपने को पूरा करने में यह निर्णय ऐतिहासिक होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

15,469 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress