शाम से ही बस तेरी याद आने लगती है

आर के रस्तोगी

शाम से ही बस तेरी याद आने लगती है |
दिल से एक ही आवाज आने लगती है ||

होगा मिलन जब ये चाँदनी रात आयेगी |
बाते करते करते सारी रात कट जायेगी ||

होगी सुबह,जब सूर्य की किरण जगायेगी |
मस्ती भरी आँखों में तेरी ही याद आयेगी || 

चाहती हूँ बस इस  तरह सारी उम्र कट जाये |
मेरी ये सारी जिन्दगी तेरी बाहों में कट जाये ||

उठे भी जनाजा मेरा, बस तेरे ही दर से |
सुहागन बन कर जाऊ बस तेरे ही घर से ||

करती हूँ दुआ लिखा हो ये सब मेरे कर्म में |
बार बार मिलन हो मेरा तुझसे हर जन्म में ||

लिखता है रस्तोगी,उसको ये सब मिल जाये |
मेरा ये संदेशा उसके पास अवश्य पहुँच जाये || 


आर के रस्तोगी 
मो 9971006425

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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