वक्रतुण्ड महाकाय,
तेज तुम्हारा अनुपम छाय।
सूर्यकोटि सम प्रभु दाता,
विघ्न हरन जग के त्राता॥
गणपति बाप्पा मोरया,
विघ्न विनाशक मोरया।
सर्वकार्य सिद्धि कराओ,
करुणा धारा बरसाओ॥
जहाँ तुम्हारा नाम लिया जाए,
वहाँ न संकट पास आए।
भक्ति-दीप हम जलाएँ,
मन मंदिर में तुम्हें समाएँ॥
ज्ञान-विवेक का दीप जलाओ,
भक्तों को सुख-शांति दिलाओ।
मंगल-कथा सदा सुनाएँ,
सिद्धि विनायक घर बसाएँ॥
गणपति बाप्पा मोरया,
विघ्न विनाशक मोरया।
सर्वकार्य सिद्धि कराओ,
करुणा धारा बरसाओ॥
तेरी शरण में सुख ही सुख है,
तेरे चरण में जीवन अद्भुत है।
भक्तों की नैया पार लगाएँ,
दुख का हर बंधन तोड़ भगाएँ।
तेरी महिमा कौन बताए,
हर दिन तेरा गुण गाए।
विघ्नहर्ता, सबके साथी,
संकट मोचन दाता त्रिनाथी।
तेरा दास ‘राहत’ पुकारे,
विघ्न दूर करें मेरे सारे॥
“राहत टीकमगढ़”