देवी देवता सखा सहोदर

देवी देवता सखा सहोदर सबके सब बेकार हो गये
ज्योंही मां उतरी आंखों में सपने सब साकार हो गये||

जैसे गये रसोई में तो मां की सूरत याद आई
लोटा थाली डोंगे मग्गे सब मां के आकार हो गये||

जब जब भी तड़्फा हूं मां की किसी तरह‌ सूरत देखूं
सारी रात दिखाऊं मां को सपने तक तैयार हो गये||

जब से पता लगा इस घर को मां अब यहां नहीं रहती
सोफा तकिये चादर गद्दे सब के सब बीमार हो गये||

एक नहीं मैं ज्यादा लूंगा यह तो बच्चे कि जिद थी
मां आई तो सभी खिलोने व्यर्थ और बेकार हो गये|

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