
श्रृदॉंजलि …. ….शादाब जफर शादाब सुबह सो कर उठा तो खबर मिली की मेरे बेहद अज़ीज़ बॉलीवुड कलाकार इरफान खान का इंतकाल हो गया है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके इरफान खान ने बुधवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। इरफान को कोलन इंफेक्शन की वजह से भर्ती कराया गया था, जहां वह आईसीयू में थे, मगर जिंदगी और मौत की लंबी लड़ाई में इरफान खान हार गए। बेहद अफसोस हुआ, इरफान खान जैसे कलाकार बहुत कम होते है,। जब वो पर्दे पर अभिनय करते थे तो लगता था ये हकीकत है, उन के चेहरे के हावभाव से लगता ही नहीं था की इरफान अभिनय कर रहे हैं। इरफान खान राजस्थान के टोंक के नवाबी खानदान से ताल्लुक रखते थे। उनका बचपन भी टोंक में ही गुजरा। उनके माता-पिता दोनों टोंक के ही रहने वाले थे। आज भी उनके रिश्तेदार और परिवार के कई लोग टोंक में रहते हैं जो उनकी सेहत की दुआएं कर रहे थे । अभी चार दिन पहले 25 अप्रैल शनिवार को इरफान खान की मां सईदा बेगम का 95 साल की उम्र में जयपुर में निधन हो गया। मां के निधन के बाद भी कोरोना लॉकडाउन की वजह से इरफान खान अपनी मां का आखिरी दर्शन नहीं कर पाए और न ही अंतिम विदाई में शामिल हो पाए। हालांकि, इरफान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी मां को नम आंखों से उन्हें अलविदा किया था। न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जूझ रहे थे इरफान मार्च 2018 में इरफान खान न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज कराने लंदन गए थे। वहां वे करीब एक साल रहे और ठीक होने के बाद अप्रैल 2019 में भारत लौटे। वापसी के बाद उन्होंने अपनी फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ की शूटिंग राजस्थान में शुरू की और फिर आगे के शेड्यूल के लिए लंदन चले गए थे, जहां वे डॉक्टर्स के संपर्क में भी रहे। इसके बाद से वे अक्सर डॉक्टर्स का परामर्श लेने लंदन आते-जाते रहे। हालांकि, पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन घोषित है और सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी रद्द हैं। इसलिए वे मुंबई से बाहर नहीं जा पाए थे। मौत से पहले इरफान खान आखिरी बार ‘अंग्रेजी मीडियम’ में नजर आए थे, जो 13 मार्च को रिलीज हुई थी। हालांकि,लॉकडाउन के चलते यह फिल्म सिर्फ दो दिन ही सिनेमाघरों में चल पाई। फिल्म के ट्रेलर रिलीज से पहले इरफान ने फैन्स के लिए यू-ट्यूब पर अपना इमोशनल मैसेज छोड़ा था। उन्होंने कहा था, “हैलो भाइयों-बहनों, नमस्कार। मैं इरफान। मैं आज आपके साथ हूं भी और नहीं भी। खैर, ये फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ मेरे लिए बहुत खास है। सच…यकीन मानिए, मेरी दिली ख्वाहिश थी कि इस फिल्म को उतने ही प्यार से प्रमोट करूं, जितने प्यार से हम लोगों ने बनाया है। लेकिन मेरे शरीर के अंदर कुछ अनवांटेड मेहमान बैठे हुए हैं। उनसे वार्तालाप चल रहा है। देखते हैं किस करवट ऊंट बैठता है। जैसा भी होगा आपको इत्तिला कर दी जाएगी।” इरफान खान का पूरा नाम शाहबजादे इरफान अली खान था पर बॉलीवुड में वो इरफ़ान ख़ान उर्फ इरफान नाम से मशहूर हो गये थे उन का जन्म 7 जनवरी 1967 को राजस्थान, जयपुर के टोंक में हुआ था जो नवाबी खान दान से ताल्लुक़ रखता है। जयपुर, राजस्थान मे हुआ था। इन्होने पुणे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त किया था । 23 फ़रवरी 1995 को इरफान ने सुतपा सिकदर से शादी की। सुतपा भी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से सम्बन्ध रखती हैं। हिन्दी अंग्रेजी फ़िल्मों, व टेलीविजन के एक कुशल अभिनेता रहे हैं। उन्होने द वारियर, मकबूल, हासिल, द नेमसेक, रोग जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवा उन्हें “हासिल” फिल्म के लिये उन्हे वर्ष 2004 का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। वह बालीवुड की 30 से ज्यादा फिल्मों मे अभिनय कर चुके थे । बॉलीवुड के अलावा इरफान हॉलीवुड मे भी एक जाना पहचाना नाम था । वह ए माइटी हार्ट, स्लमडॉग मिलियनेयर और द अमेजिंग स्पाइडर मैन जैसी कामयाब फिल्मों मे भी काम कर चुके थे। सन् 2018 में उन्होने एक बहुत ही मार्मिक बयान दिया था मुझे लगता है, मैंने सरंडर कर दिया है, कैंसर से लड़ते वक्त इरफान खान ने एक तहेदिल से लिखे एक नोट में ये शब्द लिखे थे। एक कम बोलने वाला, अपनी गहरी आंखों से शांत भाव देने वाला और स्क्रीन पर यादगार ऐक्शंस देने वाला शख्स,इरफान बहुत मजबूत आत्मा वाले थे, जो कि आखिर तक लड़ते रहे और हमेशा उस शख्स को प्रेरणा दी जो उनके करीब आया। ‘फिल्म अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग के दौरान इरफान खान को एक कीमो थैरपी करवानी थी, लेकिन शूटिंग के चलते उन का वह ट्रीटमेंट स्किप हो गया। इस वजह से फिल्म की शूटिंग के दौरान भी कई बार उन्हें तकलीफ होती थी, लेकिन बाहरी तौर पर उनकी परेशानी नहीं दिखाई दे रही थी। 2 महीने पहले यानी होली के पहले उनकी तबियत फिर से बिगड़ गई थी, बस उसके बाद लगातार उनकी तबियत बिगड़ती गई। अभी 10 दिन पहले जब उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ गई, तब उन्हें कोकिलाबेन में ऐडमिट करवा दिया गया। इस बार हॉस्पिटल में वह अपनी बीमारी से बहुत संघर्ष कर रहे थे।’ 2018 में रेयर कैंसर होने की खबर का वज्रपात होने के बाद, उन्होंने जिंदगी को वैसे ही लिया जैसे वो उनके सामने आती गई और इसके साथ आने वाली सारी लड़ाइयों को लड़ा। अपने प्यारे प्यार दो बच्चे , परिवार जिन की वह सबसे ज्यादा परवाह करते थे, उनके बीच वह अब नहीं रहे जन्नत को चले गए है, अपनी सच्ची विरासत छोड़ते हुए। हम सभी यह प्रार्थना करते हैं कि उन्हें शांति मिले। इरफान खान की प्रमुख फिल्मो में ,अंग्रेज़ी,मीडियम,कारवां,ब्लैकमेल,करीब करीब, सिंगल,हिंदी मीडियम, लंच बॉक्स,ये साली ज़िन्दगी,सात खून माफ, थैंक यू,राईट या राँग,हिस्स,नोक आउट,एसिड,आन,पान सिंह तोमर ,फैक्ट्री,बिल्लू बारबर,न्यूयॉर्क,स्लमडॉग मिलियनेयर,क्रेजी,देहली 6,रोड टू लद्दाख,संडे,लाइफ़ इन अ… मेट्रो,अ माइटी हार्टपार्टीशनअंग्रेजी फ़िल्ममेरीडीयन,माइग्रेशन,किलरयूँ ,होता तो क्या होता,तेलुगु फ़िल्मसिर्फ़ २४ घंटे,मिस्ट,दुबई रिटर्न,रोग,बुलेट,चेहरा,चॉकलेट गरम,शैडो ऑफ टाइमअंग्रेजी फ़िल्म,आनचरस,2003मकबूल,हासिल,द बाइपास,धुंध,फुटपाथ,सुपारी,काली सलवार,गुनाह,बोकशू द मिथअंग्रेजी फ़िल्मप्रथाअंग्रेजी फ़िल्म द वॉरियर,कसूर,घात,सच ,प्राइवेट डिटेक्टिव,वादे इरादे,एक डॉक्टर की मौत,चाणक्य,दृष्टि,कमला की मौत,सलाम बॉम्बे। 1994 में दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिकद ग्रेट मराठा में इरफान ने नजीबुद्दौला रोहिल्ला सरदार की 1992 में चाणक्य सेनापति भद्रसाल की दमदार भूमिका निभाई थी।2011 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दिया गया वहीं इरफान ने ‘मकबूल’, ‘लाइफ इन अ मेट्रो’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘पीकू’, ‘तलवार’ और ‘हिंदी मीडियम’ जैसी शानदार फिल्मों में काम किया था। उन्हें ‘हासिल’ (नेगेटिव रोल), ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ (बेस्ट एक्टर), ‘पान सिंह तोमर’ (बेस्ट एक्टर क्रिटिक) और ‘हिंदी मीडियम’ (बेस्ट एक्टर) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। ‘पान सिंह तोमर’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड दिया गया था। उन्हें 2004 में जब फिल्म सर्वश्रेष्ठ खलनायक व हासिल 2008 में फिल्म लाइफ़ इन अ… मेट्रो, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिसे पाकर वो बेहद खुश हुए थे। मेरी ओर से मेरे प्रिय अभिनेता इरफान अलविदा, अल्लाह आप को जन्नत में जगह दे और आपके परिवार को इस सदमे को सहने की ताकत दे आमीन।