—विनय कुमार विनायक
अलग-अलग नहीं है सनातन हिन्दू बौद्ध जैन सिख धर्म
ये सभी सनातन आस्था की समय-समय की है व्यवस्था
जब वैदिक हिन्दू धर्म में बढ़ा जातिवाद कर्मकांड बलिप्रथा
तब भगवान विष्णु ने बुद्ध रूप में अवतार धारण किया!
बुद्ध ने सत्य अहिंसा दया करुणा को मानवीय धर्म बनाया
जैन तीर्थंकर महावीर ने पूर्व से चल रहे अहिंसा पंथ बढ़ाया
सनातन से ही हिन्दू बौद्ध जैन सिख आर्य समाज निकला
हिन्दू धर्म में सुधार के लिए ही बौद्ध जैन सिख पंथ चला!
इन धर्म पंथ मत में मतांतर नहीं ये एक दूसरे का है पूरक
हिन्दू धर्म की सुरक्षा व सुधार के लिए सिख गुरु शहीद हुए
राम कृष्ण बुद्ध महावीर और गुरुओं के सनातनी मुरीद हुए
सनातनी कभी भेदभाव नहीं करते अपने सनातनी पुरखों से!
अब समय की पुकार है सनातन धर्म पंथ मत में एकता की
सनातनी सर्वदा बात करते ब्राह्मण और श्रमण में समता की
अगर सनातनी में एकता चाहिए तो करो नहीं बात जाति की
सभी हिन्दुओं को एक करने के लिए बनो सिख खालसा पंथी!
सभी जातिवादी उपाधियाँ त्यागकर रखो एक उपाधि सिंह की
गुरु गोविंद सिंह ने जाति मिटाने हेतु शहादत दी सर्ववंश की
आज हिन्दू धर्म में फिर जातिवाद वर्णभेद का हुआ बोलबाला
आज चाहिए राम कृष्ण बुद्ध जिन नानक का रुप मिलाजुला!
ऐसे में दशमेश पिता गुरु गोविंद सर्ववंशदानी का नहीं मुकाबला,
सिखों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव को जहांगीर ने दिया जिंदा जला,
जो गुरु गोविंद के पिता गुरु तेगबहादुर के दादा थे शहीद पहला,
गुरु तेगबहादुर ने कश्मीरी ब्राह्मणों की रक्षा में कटाया था गला!
गुरु गोविंद के पिता गुरु तेगबहादुर का औरंगजेब ने कराई हत्या
गुरु गोविंद के दो नाबालिग पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह को
आक्रांता बाबरवंशी अताताई औरंगजेब ने दीवार में चिनवाया जिंदा
दो गुरुपुत्र अजीत व जुझार सिंह ने चमकौर रण में शीश कटाया!
गुरु के साहबजादे जोरावर और फतेह संग गुजर गई गुजरी माता
गुरु गोविंद सिंह को पठान शिष्य ने पीठ पीछे वारकर दिया धोखा
दस गुरुओं से महान समाज सुधारक क्रांतिकारी जग ने नहीं देखा
बाबर की बर्बरता के खिलाफ गुरु नानकदेव जी का अवतरण हुआ!
गुरु नानकदेव ने संगत पंगत गुरुगद्दी स्थापित कर भक्ति जगाई
दूसरे गुरु अंगददेव ने नानक की संगत पंगत प्रथा गुरुगद्दी जमाई
तीसरे गुरु अमरदास ने आज्ञा दी गुरुदर्शन पूर्व लंगर खाए अनुयाई
चौथे गुरु रामदास ने अमृतसर की नींव रखी वे अमरदास के जमाई!
पंचम गुरु अर्जुनदेव थे चौथे गुरु रामदास के पुत्र क्षत्रिय खत्री सोढ़ी
गुरु अर्जुनदेव शांतिप्रिय थे, जहांगीर ने कठिन यातना दे जान लेली
पंचम गुरु अर्जुनदेव को उपाधि मिली ‘प्रथम शहीद दी सरताज’ की
पिता अर्जुनदेव की हत्या से छठे गुरु हरगोविंद बने संत से सिपाही!
गुरु हरगोविंद ने मीरी फकीरी की दो खड्ग लेकर गुरुगद्दी संभाली
सिखों को अस्त्र-शस्त्र धारण कराके शाहजहां को दो बार शिकस्त दी
उन्होंने पौत्र हरराय को सातवें गुरु बनाए,आठवें बालगुरु हरकिशनजी,
नवम गुरु तेगबहादुर छठे गुरु हरगोविंद के पुत्र,अर्जुनदेव के पौत्र थे!
नवम गुरु तेगबहादुर सोढ़ी को उपाधि मिली थी ‘हिंद दी चादर’ की
गुरु गोविंद सिंह के चार साहबजादे से बाल शहीद की परम्परा चली
गुरु गोविंद सिंह की माता गुजरी दो पौत्रों की मौत देख शहादत ली
गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब की मृत्यु के बाद में अंतिम सांस ली!
दसो गुरु हिन्दू हित हेतु मुग़लों की क्रूरता के खिलाफ रहे संघर्षशील
गुरु गोविंद जानते थे कि जातियों के रहते हिन्दू रहेंगे नहीं मिलजुल
हिन्दू रहते हुए सनातन में जातिवाद और वर्णभेद मिटाना है मुश्किल
अस्तु गुरु गोविंद ने हिन्दुओं में एकता खातिर चुना खालसा मंजिल!
पाँच जातियों से पंजप्यारे चुन पंचककार से मंडितकर दी सिंह उपाधि
सिख ने केश कंघा कड़ा कच्छ कृपाण धारण कर पाई वीर की ख्याति
हिन्दू धर्म की सभी वर्णाश्रमी जातियों को एक किया सिख खालसापंथी
आज गुरु फिर पुकार रहे सब सनातनी सिख बनकर मिटाओ आतंकी!
यह गुरु गोविंद के खालसा पंथ का कमाल था कि एक मठाधीश पंडा
लक्ष्मणदेव माधोदास बन गए बंदाबहादुर सिंह जत्थेदार गुरुजी का बंदा
औरंगजेब के पुत्र बहादुरशाह को डेढ़ दर्जन लड़ाइयों में परास्त किया
गुरु के साहबजादे जोरावर व फतेह सिंह की शहादत का बदला लिया!
दशमेश गुरु ने एलान किया कलाल गुरु का लाल रंगरेट गुरु का बेटा
जस्सासिंह अहलूवालिया कलाल खत्री ने मुग़लों का जीता लाल किला
गुरु के बंदे हरिसिंह नलवा ने अफगानी पठानों का जीना हराम किया
अस्तु देश के सनातनी जाति छोड़ो,हिन्दू बौद्ध जैन सिख एक होजा!
—विनय कुमार विनायक