—विनय कुमार विनायक
रामलला का दर्शन कर ले बंदे
राम मर्यादित चरित्र जीनेवाला
राम ही भव बंधन मिटानेवाला
राम से मानव जाति का भला!
रामलला का मासूम सा मुखड़ा
राम ही सुनते हैं सबकी दुखड़ा
राम से बड़ा न भला करनेवाला
राम ही जग में है सबसे भला!
रामलला का पूजन कर ले बंदे
रामलला का स्वरूप है निराला
हम सबको हो जाना है राम सा
रामलला सा दयालु भोला भाला!
रामलला नहीं है पत्थर की शिला
रामलला की भंगिमा में कोमलता
रामलला का मुख है खिला-खिला
रामलला सगुण रुप अल्ला ताला!
रामलला की प्रतिमा निहार रे बंदे
रामलला है बाल रुप भगवान का,
रामलला से नहीं किसी को गिला
रामलला का ना कोई है मुकाबला!
राम के मुखारविंद को देखले रे बंदे
रामलला में है सौन्दर्य का सिलसिला
रामलला बाल सूर्य सा चमकने बाला
रामलला है चाँद सा सुंदर मुख वाला!
राम से सीख ले जीवन जीने की कला
रामलला में ना कोई खोट विकार बला
रामलला के माधुर्य से नहीं तिलमिला,
राम से मानवतावाद का दर्शन निकला!
राम ने हर रिश्ते का धर्म निभाया था
मातृ-पितृ भक्त धर्मपत्नी का हमसाया
दीन दलित सखा भ्राता से प्रेम लुटाया,
राम आहत थे पर नहीं किसी को छला!
रामलला है ईश्वर का बाल रुप पहला
रामलला है कौशल्या दशरथ का लाला
रामलला हैं ठुमक-ठुमककर चलनेवाला
राम है सीता का सुहाग सिंदूर वरमाला!
राम रामराज्य स्थापक जग पालनेवाला,
रामलला है जीव को मुक्ति दिलानेवाला,
रामलला मानवता को मान दिलानेवाला,
राम हैं रावण का अभिमान मिटानेवाला! —विनय कुमार विनायक