वो तो मर गया, सवालों में उलझा दिया बहुतों को….

0
148

अनिल अनूप

कानपुर के बिकरू गांव में डीएसपी समेत आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ  की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी, लेकिन शहर से 17 किलोमीटर पहले सचेंडी थाना क्षेत्र में सुबह साढ़े ठह बजे काफिले की एक गाड़ी पलट गई। विकास उसी में बैठा था। एसटीएफ  ने शुक्रवार शाम को प्रेस नोट जारी कर बताया कि रास्ते में गाय-भैसों का झुंड सामने आ गया। ड्राइवर ने मवेशियों को बचाने के लिए अचानक गाड़ी मोड़ दी, जिससे वह पलट गई। इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सब इंस्पेक्टर पंकज सिंह, अनूप सिंह और सिपाही सत्यवीर और प्रदीप को चोटें आईं और वे बेहोशी की हालत में पहुंच गए। इस दौरान विकास ने इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीन ली और कच्चे रास्ते पर भागने लगा। पीछे से दूसरे वाहन से आ रहे एसटीएफ  के डीएसपी तेजबहादुर सिंह पलटी गाड़ी के पास पहुंचे, तो उन्हें विकास के भागने की खबर मिली। उन्होंने और साथी पुलिसवालों ने उसका पीछा किया तो विकास फायर करने लगा। उसे जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह फायर करता रहा। जवाबी फायरिंग में विकास घायल हो गया। उसे तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसको सुबह सात बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। विकास को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। मौत के बाद उसका कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। कानपुर के पोस्टमार्टम केंद्र में विकास दुबे का पोस्टमार्टम दो घंटे चला, लेकिन उसके परिवार से छह बजे तक कोई कोई डेड बॉडी लेने नहीं पहुंचा। विकास की मां ने भी अपने अपराधी बेटे का शव लेने से इनकार कर दिया। विकास की मां ने तो कानपुर आने से ही मना कर दिया। वह लखनऊ में ही हैं। वह बेटे के एनकाउंटर के बाद मीडिया के सामने भी नहीं आई। शुक्रवार देर शाम विकास का शव उसके बहनोई दिनेश तिवारी को सौंप दिया गया। उधर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद गुरुवार शाम को हिरासत में ली गई उसकी पत्नी और बेटे को छोड़ दिया गया। इसी बीच, विकास के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार और पुलिस विभाग में बैठे उसके संरक्षकों को बचाने के लिए उसका एनकाउंटर किया गया है, ताकि कोई राज बाहर न आए। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। उधर, विकास दुबे के एनकाउंटर पर शहीद सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा के परिजनों ने खुशी जताई है। उनके रिश्तेदार कमलकांत ने योगी आदित्यनाथ की तारीफ  करते हुए योगी को रुद्र अवतार तक कह दिया। उन्होंने विकास के एनकाउंटर के लिए योगी को क्रेडिट दिया।

एक्सीडेंट….भागने की कोशिश…एनकाउंटर…और सब खत्म

पुलिस ने विकास दुबे के एनकाउंटर की बड़ी ही सीधी सी कहानी बताई कि यूपी एसटीएफ का काफिला उज्जैन से विकास को लेकर कानपुर आ रहा था। इसी बीच भारी बारिश के दौरान अचानक सामने आए भैंसों के झुंड को बचाने के लिए एसटीएफ की एक गाड़ी पलट गई। मौके का फायदा उठाकर विकास ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास किया। पुलिस ने जब उससे रुकने को कहा तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास मारा गया।

गैंगस्टर के सीने में तीन गोलियां, एक हाथ पर लगी

विकास दुबे के शरीर में चार गोलियां मिलीं। कानपुर के हैलट अस्पताल के प्रिंसिपल डा.आरबी कमल ने बताया कि विकास दुबे को यहां मृत लाया गया था। उसको चार गोलियां लगी थी। तीन गोलियां सीने में लगी थीं और एक हाथ में।

एनकाउंटर फर्जी मानवाधिकार आयोग में केस

खूंखार अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास भी पहुंच गया है। तहसीन पूनावाला ने दुबे के एनकाउंटर के खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने लिखा कि मैंने यूपी के नेताओं, योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी के पुलिस पदाधिकारियों को बचाने के लिए तय स्क्रिप्ट के तहत कथित फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ  मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है।

एनकाउंटर पर सवाल

* उसे भागना ही था तो उज्जैन में जाकर सरेंडर क्यों किया

* मीडिया कर्मियों को एनकाउंटर स्पॉट पर जाने से क्यों रोका गया

* विकास दुबे सफारी गाड़ी में था, एक्सिडेंट दूसरी गाड़ी का हुआ

* विकास के एक पैर में लोहे की रॉड लगी थी, तो वह भागा कैसे

* अगर वह भाग रहा था तो पुलिस की गोली उसके सीने में कैसे लगी

* घटनास्थल पर गाड़ी फिसलने के कोई निशान मौजूद क्यों नहीं थे

* विकास अगर बारिश में भागा था तो उसके कपड़े सूखे कैसे थे

* वे कौन से राज थे, जिन्हें छिपाने के लिए विकास को मारा गया

हजारों जवाबों से अच्छी है खामोशी ‘उसकी’

विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि विकास दुबे का एनकाउंटर इसलिए कर दिया गया, ताकि पूछताछ में उसके राजनीतिक साथियों और पुलिस महकमे के साथ संबंध उजागर न हो जाएं…

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विकास दुबे के एनकाउंटर मामले पर निशाना साधते हुए एक शायरी को ट्वीट कर लिखा कि हजारों जवाबों से अच्छी है खामोशी ‘उसकी’, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली। हालांकि, राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में एनकाउंटर को लेकर कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन उनका निशाना वहीं था।

दरअसल कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है

-अखिलेश यादव

जिसका शक था, वही हो गया। विकास दुबे का किन-किन राजनीतिक लोगों, पुलिस अधिकारियों से संपर्क था, अब यह उजागर नहीं हो पाएगा। सभी एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है ?

-दिग्विजय सिंह

यूपी की कानून व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं, यह सच सामने आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए

-प्रियंका गांधी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,037 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress