
वो उसे
कहते हैं घर
मात्र दीवार
और छत ही हैं
फिर भी उसे
कहते हैं घर
पिता है
निठल्ला शराबी
माता है
करती मजदूरी
बच्चे हैं
बालमजदूर
चूहे भी हैं
आवाज की तलाश में
फिर भी उसे
कहते हैं घर
-विनोद सिल्ला©
वो उसे
कहते हैं घर
मात्र दीवार
और छत ही हैं
फिर भी उसे
कहते हैं घर
पिता है
निठल्ला शराबी
माता है
करती मजदूरी
बच्चे हैं
बालमजदूर
चूहे भी हैं
आवाज की तलाश में
फिर भी उसे
कहते हैं घर
-विनोद सिल्ला©