
सुरेश हिन्दुस्थानी
पंजाब के पठानकोट में किए गए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने जिस त्वरित गति से आतंकियों के विरोध में अपनी कार्यवाही को अंजाम दिया है, उससे ऐसा ही लगता है कि पाकिस्तान अब यह समझने लगा है कि आतंकवाद किसी भी रूप में हानिकारक ही है। इस कथित गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान से भीतर ही भीतर इस बात के भी संकेत मिलते दिखाई दे रहे हैं कि भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर को पाकिस्तान ने केवल नाम मात्र के लिए ही गिरफ्तार किया है। इसके पीछे पाकिस्तान की एक सोची समझी साजिश भी हो सकती है। क्योंकि जिस प्रकार वर्तमान में वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की छवि आतंकी देश के रूप में प्रचारित हो रही है, पाकिस्तान उस छवि को तोडऩे के लिए ही इस प्रकार की कार्यवाही को अंजाम दे रहा हो। यह बात भी सही है कि मसूद अजहर भारत की तमाम आतंकी घटनाओं का मुख्य सूत्रधार है, और वह पाकिस्तान में खुलेआम रूप से रह रहा है। पाकिस्तान को सही तरीके कार्यवाही को आगे बढ़ाना है तो वह मसूद अजहर को भारत के हवाले कर दे, इससे पाकिस्तान की विश्वसनीयता ही बढ़ेगी। लेकिन लगता है कि पाकिस्तान ऐसा कर ही नहीं सकता, क्योंकि पाकिस्तान में रह रहे आतंकियों का नेटवर्क विश्व स्तर पर फैला हुआ है। जिसे तोडऩा पाकिस्तान की सरकार की बस की बात नहीं है।
पाकिस्तान ने अगर वास्तव में ही मसूद अजहर को बंदी बनाया है तो इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक और कूटनीतिक नीति की सफलता ही मानी जाएगी। क्योंकि नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार से आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान की यात्रा की थी, उसका दबाव भी पाकिस्तान और विश्व के कई देशों पर दिखाई देने लगा है। वर्तमान में नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली विश्व स्तर पर कई देशों के लिए चौंकाने वाली कही जा सकती है, क्योंकि जिस भारत के कर्णधार कभी विश्व के देशों के समक्ष अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर पाने का सामथ्र्य नहीं बटोर सकते थे, आज उस स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन का प्रादुर्भाव होता दिखाई दे रहा है। विश्व के कई देश भारतीय प्रधानमंत्री के साथ बराबरी का व्यवहार करते दिखाई देने लगे हैं। इस प्रकार के प्रदर्शन से निश्चित ही भारत कर कद ऊंचा हुआ है।
पाकिस्तान के बारे में भारत ने हर समय अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने वास्तविकता का दर्शन कराया है, लेकिन उस समय भारत की स्थित उस प्रकार की नहीं थी कि कोई भी देश भारत को उतनी गंभीरता से लेता। आज स्थितियों में कुछ सुधार हुआ है। भारत के बारे में विश्व के चिन्तन की धारा में बदलाव आया है। पूरी दुनिया से हमेशा दादागिरी की तरह व्यवहार करने वाले अमेरिका ने भी भारत को पर्याप्त सम्मान देकर भारत विरोधी देशों को कान खड़े करने के लिए बाध्य कर दिया है। इसके अलावा पाकिस्तान भी इस सत्य को जानने लगा है।
पाकिस्तान ने कई बार आतंकवाद के विरोध में अपनी कार्यवाही की है, लेकिन उसके बाद भी आतंकवाद को समाप्त नहीं किया जा सका। हर बार कार्यवाही करने के बाद भी आतंकवाद का भूत और ताकतवर बनकर पाकिस्तान में उभरता है। जिससे यही दिखाई देता है कि पाकिस्तान की आतंकवाद के विरोध में की गईं कार्यवाहियां या तो नाकाफी हैं या फिर पाकिस्तान द्वारा जिन आतंकियों को समाप्त करना चाहिए उनके विरोध में कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। पाकिस्तान अगर वास्तव में ही आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाना चाहता है तो उसे सबसे पहले भारत की सीमा के समीप चल रहे उन आतंकवादी प्रशिक्षण केन्द्रों को समाप्त करने का अभियान चलाना चाहिए जो भारत में आतंक फैलाने के लिए ही चलाए जाते हैं। अन्यथा पाकिसतान का यह अभियान कोरी हवाबाजी ही साबित होगा। यह बात सही है कि जहां से आतंकवादियों को पैदा किया जाता है, वही आतंक फैलाने की मूल जड़ है और जड़ को समाप्त करने से ही आतंकवाद का खात्मा किया जा सकता है।
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका कितनी सख्त हो सकती है, इस बारे में अनेक सवालों के उत्तर खोजा जाना समय की आवश्यकता है। क्योंकि पाकिस्तान ने कई बार आतंक के विरोध में अभियान चलाया है, लेकिन उस अभियान को पाकिस्तान ने जितने जोर शोर से प्रचारित किया परिणाम उतना प्रभावी दिखाई नहीं दिया। इस बात को इससे भी बल मिलता है कि मसूद अजहर ने अपनी कथित गिरफ्तारी के बाद ही यह संदेश दिया कि भारत बदले की कार्यवाही के लिए तैयार रहे। अजहर मसूद को गिरफ्तार किए जाने के बाद इस प्रकार का बयान आना क्या पाकिस्तान की दोगुलेपन को उजागर नहीं करता ?
वर्तमान में आतंकवाद के विरोध कार्यवाही किया जाना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि जिस प्रकार से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद भारत की शांति व्यवस्था को तहसनहस कर रहा है, उसकी गिरफ्त में खुद पाकिस्तान भी आता जा रहा है। सही मायने में पाकिस्तान में उत्पन्न होने वाला आतंकवाद आज उसके लिए ही भस्मासुर बनता जा रहा है, और एक दिन ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि पाकिस्तान की सरकार इन आतंकियों से अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। इसलिए पाकिस्तान को अभी से ही आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्यवाही करना चाहिए, नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि पाकिस्तान इस आतंक की आग में जलकर अपने आपको समाप्त करले।
वास्तव में पाकिस्तान ने अपने यहां पर वैश्विक आतंक फैलाने के लिए जो बोया है, पाकिस्तान उसी को काट रहा है। आतंक फैलाने के लिए जो बारूद पाकिस्तान ने इकट्ठा किया है, उस ढेर पर आज वह स्वयं बैठा हुआ दिखाई देता है। वर्तमान में पाकिस्तान के हालात देखकर यह कहा जा सकता है, वह विनाश के मार्ग पर अपने कदम बढ़ा चुका है, जिसे वह रोकना भी चाहे तो भी नहीं रोक सकता। क्योंकि जिन शक्तियों ने पाकिस्तान को इस खतरनाक स्थान तक पहुंचाया है, उसकी घुसपैठ काफी अंदर तक है।
वर्तमान में आतंकवाद का जो स्वरूप पाकिस्तान की धरती पर फन फैलाए खड़ा है, उस सांप को खुद पाकिस्तान ने ही दूध पिला कर बड़ा किया है। आतंकवाद की घटनाओं को अपने संकेत पर संचालित करने वाले दुर्दांत आतंकवादियों की शरण स्थली बने पाकिस्तान ने यह शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन आतंक रूपी सांप खुद उसे ही डंसने लगेगा। वर्तमान में पाकिस्तान के समक्ष सबसे बड़ी दुविधा यही है कि जिस हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम के विरोध में सोचने पर ही पाकिस्तान की सरकार को पसीना छूट जाता है उनके बारे में कार्यवाही कैसे करेगी। पाकिस्तान अगर सच में ही आतंक के विरोध में कार्यवाही चाहता है तो आतंक के इन दोनों अजगरों को फांसी देकर भारत को यह बताना होगा कि देखो हमने आपके दोनों दुश्मनों को मार दिया है। हाफिज सईद ने भारत में जो कहर बरपाया था, उसका दर्द आज मुंबई और पूरा देश भूला नहीं है। पाकिस्तान की सरकार छोटे तौर पर आतंक फैलाने वालों को समाप्त करके आतंक को समाप्त नहीं कर सकती, अगर आतंक समाप्त ही करना है तो बड़े स्तर पर कार्यवाही करनी होगी। आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया को पाकिस्तान की भूमिका को लेकर संदेह हो रहा है, कि क्या वास्तव में पाकिस्तान अपने बयान के अनुसार आतंक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगा या फिर पहले की तरह ही उसका अभियान फुस्स हो जाएगा। पाकिस्तान के पास यह अच्छा अवसर है कि वह विश्व में अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाए और सच्चे मन से आतंक के विरोध में कार्यवाही करे।
सुरेश हिंदुस्थानी
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भरोसा करे या न करे, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच शान्ति के प्रयास अवश्य होने चाहिए। हमारी दुश्मनी का लाभ कोई तीसरा समूह उठा रहा है। हमारे बीच शान्ति हमारी समृद्धि की ग्यारेन्टी है।
Msood Ajhar ko bharat ke hwale kiya jana chahiye…..