कलयुग में गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे

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आर के रस्तोगी

इस कलयुग में अब गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे तुम ?
चारो तरफ अन्धकार है,कैसे बुद्ध पूर्णिमा मनाओगे तुम ?

करो निस्वार्थ सेवा जन जन की,किसी को कष्ट न देना तुम |
सत्य अहिंसा का मार्ग अपनाकर,सबको गले से लगा लो तुम ||

जाना है सबको संसार को छोड़कर,ये बात समझ अब लेना तुम |
महल दुमहले यही सब छोड़ जाओगे,साथ न ले जाओगे कुछ तुम ||

यदि निर्मल निष्काम सेवा करो,और सरल शुद्ध मन हो जाओ तुम |
निर्बल,निसहाय की निस्वार्थ सेवा में ,अगर एकजुट हो जाओ तुम ||

प्रतिभावान प्रभावित बन सकते हो,अगर परिमल परिणाम चाहते तुम |
अवसाद अहम अत्याचारों में कभी भी, विलय न होने की सोचो तुम ||

ये शिक्ष भगवान बुद्ध की अगर जीवन में अपना लो तुम |
इस कलयुग में भी गौतम बुद्ध जैसा, बन सकते हो तुम ||

आर के रस्तोगी
पालम विहार गुडगाँव
मो 9971006425

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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