दोहे
June 7, 2013 / June 7, 2013 by भारत भूषण | Leave a comment
जैसे मैं उसके लिए मर गया,
वैसे वो मेरे लिए मर गया !
पर सवाल इंसानियत का है,
जो दोनों के दिलों में मर गया !!
बिछड़े रिश्ते, नसतर की तरह होते हैं,
जिक्र होते ही आखों में छलक आते हैं!!
मलाल दोनों को है मगर,
एहसास दोनों का मर गया!!
भारत भूषण