अगर एक बार तुम आ जाते


अगर एक बार तुम आ जाते,
ये आंसू आंखो से रुक जाते।
लगा लेते तुम मुझको सीने से,
सारे मन के मैल धुल जाते।

विरह वेदना मे मै जलती हूं,
बिन अग्नि के मै जलती हूं।
अगर एक बार तुम आ जाते,
दिल के सारे शोले बुझ जाते।।

तड़फ रही हूं मै तुम्हारे लिए,
भटक रही हूं मै तुम्हारे लिए।
अगर एक बार तुम आ जाते,
पुनः जीवित होती तुम्हारे लिए।।

मत तड़फाओ अब आ जाओ,
अपना दर्श मुझे दिखा जाओ।
अगर एक बार दर्श दिखा जाते
भले ही फिर तुम लौट जाओ।।

आर के रस्तोगी

Previous articleसबका साथ व विश्वास का सूत्र “समान नागरिक संहिता”
Next articleपराए जाति धर्म में भी खुदाई नजर आएगी
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,575 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress