मृत्युंजय दीक्षित
दरकता पाकिस्तान कई नागरिक समस्याओं जैसे महंगाई, बेरोजगारी, दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुओं को जुटाने की जद्दोज़हद से जूझ रहा है। बलोचिस्तान, खैबरपख्तूनवा जैसे प्रान्त सुलग रहे हैं। हुक्मरान इनको दबाने के लिए सीमाओं पर आग लगा रहे हैं। इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का झुकाव भी पाकिस्तान की ओर लग रहा है। इन सबके बीच जिस तरह पाकिस्तानी सेना प्रमुख की शक्तियों को संविधान संशोधन के माध्यम से बढ़ाया गया है वह भविष्य के लिए खतरनाक संकेत दे रहा क्योंकि पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर लगातार आतंकवाद को संरक्षण व पूरा सहयोग कर रहा है।
पाकिस्तान में सेना प्रमुख को मिली शक्तियों के अनुसार अब जब कभी पाकिस्तान का भारत या अफगानिस्तान के साथ युद्ध होगा तब सेना प्रमुख मुनीर ही परमाणु हमला करने का फैसला करेगा। पाक सेना प्रमुख मुनीर को परमाणु हमला करने की यह शक्ति उस समय मिली है जब कुछ दिनो पूर्व ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान दिया है कि पाकिंस्तान चोरी छिपे तथा रूस, चीन और कोरिया लगातार परमाणु परीक्षण कर कर रहे हैं इसलिए हम भी करेंगे।
पाकिस्तानी संसद ने सेना प्रमुख आसिफ मुनीर की शक्तियो को बढ़ाने और सुप्रीम कोर्ट की ताकत को कम करने वाले 27वें संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तानी नेशनल असेंबली ने इस विधेयक को 234 मतों के बहुमत से पास किया केवल चार सांसदो ने इसके विरोध में मत दिया। यह विधेयक सीनेट से पहले ही पारित हो चुका है। नये कानून के अनुसार मुनीर को चीफ आफ डिफेंस फोर्सज बनाया जा रहा है। यह 27 नवंबर 2025 से लागू हो जाएगा पद मिलते ही उन्हें परमाणु हथियारो की कमांड मिल जाएगी। अपना कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी वह अपने पद पर बने रहेंगे और उन्हें आजीवन कानूनी छूट मिलती रहेगी अर्थात नए कानून के अनुसर अब आसिफ मुनीर को आजीवन कोई नहीं हटा सकेगा ।
अब पाकिस्तान की संसद ने अदालतों पर भी अपना नियंत्रण कर लिया है जिसके अंतर्गत अब सरकार तय करेगी कि कौन से जज कौन सा केस सुनेंगे। अब जजों का ट्रांसफर राष्ट्रपति करेंगे । पहले यह अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास था । अब अगर वहां की अदालत मे कोई केस एक साल तक नहीं चला तो वह केस बंद कर दिया जाएगा। नए संविधान संशोधन के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की ताकत घट जाएगी और राष्ट्रपति नाम मात्र का सुप्रीम कमांडर रह जाएगा।
पाकिस्तानी संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि अब देश की सेना और ताकतवर हो जाएगी। पाकिस्तान में अब तानाशाही का एक नया दौर देखने को मिल सकता है जो दक्षिण एशिया की शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। पाकिस्तान के विरोधी दल जहां इसे लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बता रहे हैं वहीं पाक प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इसे राष्ट्रीय एकता के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं। पाकिस्तान में आलोचकों का कहना है कि यह बदलाव देश को सैन्य शासन की ओर ले जा रहा है।
पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि व्हां के आर्मी चीफ रिटायर हो जाने के बाद विदेश चले जाते थे लेकिन अब मुनीर न तो रिटायर होंगे और न ही विदेश जाएंगे। लेकिन क्या वहां के अन्य आर्मी कमांडरो को यह बात मंजूर होगी? पाकिस्तान के इतिहास में यह परंपरा रही है कमांडर रिटायरमेंट के बाद यूरोप, सऊदी अरब या अमीरात में आराम का जीवन व्यतीत करने के लिए चले जाते हैं । जनरल अशफाक परवेज कियानी से लेकर जावेद बाजवा तक ने अपने ठिकाने विदेश में बनाए और पूर्वसेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का हाल तो पता ही है क्या हुआ। किंतु अब आसिफ मुनीर संविधान संशोधन की आड़ लेकर अपने पद पर अजर अमर हो रहे हैं।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिफ मुनीर आतंकवाद को लगातार प्रश्रय दे रहा है। भारत भी आपरेशन सिंदूर के समय तय कर चुका है कि अब अगर भारत पर आतंकवादी हमला हुआ तो वह एक्ट आफ वॉर ही माना जाएगा। 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास बम धमाका हो चुका है जिसकी गहन जांच चल रही है और धमाके के लिंक जैश- ए -मोहम्मद से ही जुड़ते नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर भी भारत से पंगा लेने के लिए बैचेन लग रहा है। पाकिस्तान को लगातार भय सता रहा है कि अबकी बार भारत पाकिस्तान को छोड़ेगा नहीं। यदि युद्ध हुआ तो पाकिस्तान को भी कम से कम चार फ्रंट पर युद्ध करना ही पड़ेगा और तब पाकिस्तान अपना अस्तित्व बचाने के लिए भारत पर परमाणु हमला करने की हिमाकत कर सकता है। मुनीर नागरिक समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए कई पैंतरे अपना रहा है और भारत में आतंकी हमले कराना उसी का हिस्सा है। किंतु मुनीर को ध्यान रखना चाहिए कि अब समय बदल चुका है और अबकी बार ऐसी हिमाकत से पाकिस्तान का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
प्रेषक – मृत्युंजय दीक्षित