भारत- अमेरिका के सम्बन्ध नई दिशा में

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप   भारत का दौरा ऐसे समय पर कर रहे है ,जब अमेरिका में राष्ट्रपति का चनाव ट्रंप के सामने है । डोनल्ड ट्रंप  का ये पहला दौरा  है राष्ट्रपति के रूप में । भारत और अमेरिका  सम्बन्ध में पिछले दो दशकों में आमूलचूल परिवर्तन के दौर से गुजरे हैं। और वर्तमान समय में अपने सर्वकालिक ऊंचाइयों पर हैं ।दोनों देशों के बीच बढ़ते साझेदारी  सिर्फ व्यापारिक हित नहीं सामरिक हित निहित हैं, इनका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है ,जब 2015 में गणतंत्र दिवस समारो में  बतौर मुख्य अतिथि  बराक ओबामा भारत आये थे।भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में ये पहला मौका था जब किसी  अमरीकी  राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल किया गया हो ।भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2017 में अमेरिका यात्रा  की थी ।इस यात्रा का महत्व इस बात में है कि अमेरिका में  डोनल्ड ट्रंप  के राष्ट्रपति  बनने के  बाद की थी । अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार  हैं, और अमेरिका के भागीदारी की सूची में भारत का स्थान 18वा  है। भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है जो दुनिया के अग्रिम देशों में शुमार है ,और वर्तमान की सबसे बड़ी शक्ति है ।ये बात दुनिया से छिपी नही है, इस लिए वक्क्त के साथ तेजी से हलात बदले है, और भारत अमेरिका के सम्बन्ध में भी समय के अनुरूप कमाल की मजबूती देखने को मिली है । दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षो की बारी बारी से औपचारिक और अनौपचारिक मुलाकात इस बात का सन्देश देती है कि भारत और अमेरिका के रिश्तो ने व्यापारिक उद्देश्यों के लिए  बल्कि  संस्कृतिक ,राजनितिक ,आर्थिक, शैक्षिक ,औद्योगिक और सामरिक क्षेत्रो में सहयोग तथा विकास के कार्यक्रम जैसे गंभीर मुद्दों पर पारस्परिक सहमति तथा नीति के दूरगामी प्रभाव देखने को मिल रहे हैं, सही मायने में देखा जाए तो अब ये रिश्ते ऐतिहासिक मोड़ पर है।
भारत आज के दौर में सबसे ज्यादा सैन्य अभ्यास  अमेरिका के साथ करता है,  रणनीतिक साझेदारी की नई दशता भी लिखी जा रहा है । अमेरिका को चीन के बाद सबसे बड़ी शक्ति भारत ही लगता है, चीन और अमेरिका का व्यापार युद्ध  को देखर ये दौरा  काफी महत्वपूर्ण होगा ऐसा कहना जायज नही होगा की डोनल्ड ट्रंप   अपना व्यापार घाटा भारत से पूरा करेंगे । लेकिन उम्मीद है दोनों देश अपने व्यापार संतुलन बनाए रखेंगे ।भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में भारत ने अमेरिका को 52.40 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि अमेरिका से 35.55 अरब डॉलर का आयात किया गया। आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 2017-18 के 21.26 अरब डॉलर से कम होकर 16.85 अरब डॉलर पर था ।2018 के दौरान अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार 142 अरब डॉलर का रहा। जनवरी-जुलाई 2019 के दौरान यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10.50 प्रतिशत बढ़ा।
बात व्यापार घाटे की करे तो भारत का सर्वाधिक व्यापार घाटा पड़ोसी देश चीन के साथ 63 अरब डॉलर है। अर्थात् चीन के साथ व्यापार भारत के हित में कम तथा चीन के लिये अधिक फायदेमंद हैजहाँ तक बात ट्रेड सरप्लस की है तो अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस सर्वाधिक (21 अरब डॉलर) है। अर्थात् हम अमेरिका से आयात कम करते है और वहाँ के लिये निर्यात अधिक होता है। इस तरह अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संतुलन का झुकाव भारत की ओर है। अमेरिका से व्यापार भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुकूल है।अमेरिका भारत के हित की बात करता है चाहे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता की हो या आतंकवादी संगठनों का वैश्विक स्तर आतंकवादी संगठनों घोषित करने का हमेशा अमेरिका भारत एक साथ मंच में आये हैं ।भारत को कूटनीतिक व्यापार प्राधिकार (एसटीए-1) का दर्जा देकर अमेरिका ने उसे अमेरिकी के निकटतम सहयोगियों की सूची में रख दिया है।उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति  डोनल्‍ड ट्रंप  को भारत आने से पहले सभी रक्षा समझता पूरी कर लिया जायेगा इस मुख्य रूप  से लॉन्ग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी-8आई ,
सेंसर, हारपून ब्लॉक-2 मिसाइल, एमके-54 लाइट टॉरपीड और रॉकेट से लैस पी-8आई विमान अपने दुश्मन की सबमरीन को डिटेक्ट करके खत्म कर सकता है। भारत ने इस विमानों के लिए साल 2009 में सौदा किया था। नौसेना के पास इस समय आठ ऐसे विमान हैं। बाकी के चार विमान जुलाई 2021-22 तक नौसेना को मिल जाएंगे। 
भारत और अमेरिका से सालाना 10 बिलियन डालर का व्यापार है जिसमें 7 बिलियन डालर के करीब निर्यात किया जाता है। इसे और आगे  बढ़ाने का भारत  और अमेरिका का लक्ष्य है।भारत में अमरीका के राष्‍ट्रपति की स्वागत में कोई कोर कसर रहेगा अमेरिका में मोदी के स्वागत में हावड़ी मोदी के
तर्ज पे केम छो ट्रंप रखा गया दोनों नेता के बीच उत्साह दिखाई दे रही है ।इस यात्रा में सबसे अगल जो है वो ये है लगभग अभी तक जितने अमरीका के राष्‍ट्रपति भारत यात्रा पे आये है वो भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान की यात्रा पे जरूर गये है लेकिन इस बार ऐसा नहीं  होने वाला है ।
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के निमंत्रण पर अमरीका के राष्‍ट्रपति  डोनल्‍ड ट्रंप और प्रथम महिला श्रीमती मेलानिया ट्रंप 24-25 फरवरी 2020 को भारत की राजकीय यात्रा पर आयेंगे। राष्‍ट्रपति श्री ट्रंप की यह भारत की पहली यात्रा होगी।इस दौरे के अवसर पर, राष्‍ट्रपति ट्रंप और प्रथम महिला नई दिल्‍ली तथा गुजरात के अहमदाबाद में कई सरकारी कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेंगे तथा भारतीय समाज के विभिन्‍न  हिस्‍सों से बातचीत करेंगे।भारत और अमरीका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी विश्‍वास, साझा मूल्‍यों, परस्‍पर सम्‍मान एवं समझदारी पर आधारित है, जो दोनों देशों के लोगों के बीच निकटता एवं मित्रता द्वारा पोषित है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और राष्‍ट्रपति ट्रंप के नेतृत्‍व में, व्‍यापार, रक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, ऊर्जा, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर समन्‍वय तथा जन-जन के बीच संबंध सहित सभी क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण प्रगति के बल पर भारत और अमरीका के बीच संबंध अधिक मजबूत हुए हैं। इस दौरे से दोनों नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों  में प्रगति की समीक्षा करने तथा अपनी रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत करने का अवसर मिलेगा ।कुल मिलाकर आज समान धरातल पर बन रहे भारत अमेरिका संबंध मजबूती और परिपक्वता  का प्रतीक है, भारत-अमेरिका भविष्य में ना  केवल पारस्परिक हितों के साथ  वास्तविक हितों के साथ चलेंगे।  जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर,वैश्विक स्तर पर उत्पन्न हुई अशांति को समाप्त करने और विश्व में शांति और प्रगति का माहौल पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका  साबित होगी।
अजय प्रताप तिवारी “चंचल”

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