संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका, पाकिस्तान और बांग्लादेश का झूठ
मृत्युंजय दीक्षित
अमेरिका में आयोजित हो रही संयुक्त राष्ट्र महासभा- 2025 की वार्षिक आम महासभा में हो रहे कुछ वैश्विक नेताओं के संबोधन स्थायी शांति व विकास की दृष्टि से पूरे विश्व को को निराश करने वाले हैं। अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश के शासनाध्यक्षों के भाषण इंगित करते हैं कि भारत को अपनी सामरिक सीमा सुरक्षा के प्रति और अधिक सचेत रहना होगा । यदि भारतीय सुरक्षा दृष्टिकोण से देखा जाए तो अमेरिका, पाकिस्तान और बांग्लादेश ने पहलगाम हमले की निंदा नहीं की अपितु पाकिस्तान ने खुद को ही आतंकवाद से पीड़ित बताने का असफल प्रयास किया। इस दौरान उसने एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर के अतंर्गत अपनी करारी पराजय को अपनी विजय बताने का प्रयास करते हुए झूठा राग अलापा कि उसने भारत के सात लड़ाकू फाइटर जेट विमान मार गिराए।
अमेरिकी राष्ट्रपति नोबेल पुरस्कार पाने के लिए इतने अधिक उतावले हो रहे हैं कि वह सामाजिक, राजनैतिक और वैश्विक मर्यादा ही भूल गये हैं।अंतरर्राष्ट्रीय मंच से उन्होंने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि दादागिरी करने का अधिकार केवल उन्हीं के पास है। उन्होने सात युद्ध समाप्त करवाने का दावा किया, भारत और चीन द्वारा रूस से तेल खरीद पर झूठ का पुलिंदा प्रस्तुत किया। ट्रम्प भारत के साथ साथ रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से भी बहुत निराश हैं क्योकि भारत, रूस और चीन सहित कुछ अन्य देश भी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित नहीं कर रहे हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आत्ममुग्धता के शिकार हो चुके हैं, संभवत: वह ऐसे पहले व्यक्ति हैं जो अपने लिए नोबेल मांग रहे हैं। उन्होंने अपने कोट पर एफ -35 फाइटर जेंट का लोगो लगाकर एक बड़ा खतरनाक संदेश देने का काम किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को यह डर भी सता रहा है कि अगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस -यूक्रेन युद्ध समाप्त करवाने में सफलता प्राप्त कर ली तो कहीं मोदी जी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित न कर दिया जाए। ट्रम्प बार -बार भारत -पाकिस्तान के मध्य युद्ध रुकवाने का दावा कर रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने केवल पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमले किये थे और उन्हें नेस्तनाबूद किया था। जिसके बाद पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला किया था और भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी जिससे पाकिस्तान घुटनों पर आ गया था।
भारत तीव्र गति से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारत में अब चिप से लेकर शिप तक का निर्माण हो रहा है। कई अन्य नए क्षेत्रों में भी अब भारत का दबदबा बढ रहा है जिसके कारण जिसके कारण भारत विरोधी शक्तियां बुरी तरह से घबरा गई हैं और भारत को रोकने के लिए तरह -तरह के षड्यंत्र कर रही हैं किंतु अब भारत अत्यंत सतर्क है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश ने उगला जहर – अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तीन माह में दूसरी बार पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष मुनीर को एक घंटे तक इंतजार करवाकर उनकी सरेआम बेइज्जती करी किंतु दोनों ने मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की जमकर चापलूसी को और उन्हें शांतिदूत कहकर संबोधित किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत को स्पष्ट रूप से अपना दुश्मन बताया और कहा कि हाल ही में भारत के साथ हुए संघर्ष में पाक की जीत हुई थी और पाकिस्तान ने भारत के सात विमान मार गिराए थे। उन्होंने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच से यह झूठ बोला कि भारत का कट्टरपंथी हिंदुत्व पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है। महासभा में शाहबाज शरीफ का भाषण उनकी मूल विचारधारा का ही प्रतिबिम्ब है। शरीफ ने सिन्धु समझौते रद्द रहने पर भयावह युद्ध की धमकी भी दी।
पाक प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ का संबोधन केवल भारत और हिन्दुओं के प्रति नफरत का प्रदर्शन था । शाहबाज ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि वह कश्मीरियों के साथ खड़े हैं। ये कहते हुए शायद शाहबाज भूल गए थे कि इसी मंच से भारत की पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज पूरे विश्व को बता गई हैं कि “जम्मू -कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था है और कायनात की अंतिम रात तक रहेगा। जम्मू कश्मीर की स्थापना भारत के महर्षि कश्यप ने की थी। कश्मीर का मूल अस्तित्व भारत ही है और उसकी चाहत में एक दिन पाकिस्तान का अस्तित्व ही पूरी दुनिया से समाप्त हो जाएगा ।
पाक प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से ही अमेरिकी राष्ट्रपति को खुश करने के लिए उनके लिए नोबेल पुरस्कार मांग लिया। उसे लग रहा है कि ऐसा करने से वह कश्मीर को लेकर भारत पर दबाव बना सकता है और अमेरिका से अपने हक के लिए ईनाम मांग सकता है।
बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस ने भी एक सुनियोजित साजिश के तहत जमकर भारत के विरुद्ध जहर उगला और कहा कि उन्हें भारत से बहुत समस्याएं हैं । यूनुस के अनुसार इस समय भारत और बांग्लादेश के मध्य रिश्ते बहुत बिगड़ चुके हैं और अब तक के सबसे निचले पायदान पर हैं।
भारत सरकार इन देशों के संयुक्त राष्ट्र महासभा में ऐसे प्रलापों के लिए पहले से चौकन्नी और तैयार थी। पाकिस्तान और बांग्लादेश के इस अनर्गल प्रलाप का उत्तर देते हुए भारत के प्रतिनिधि ने तथ्यों और तर्कों के साथ इनकी जमकर धुलाई करी।
-मृत्युंजय दीक्षित