करोड़ों भारतीयों की पीड़ा का तारणहार कौन?

-विनोद कुमार सर्वोदय-
humanity

राष्ट्र के विभाजन व संविधान निर्माण के दौरान हुई त्रुटियों और पिछले 65 वर्षों से राजनेताओं की अल्पंसख्यकों पर केन्द्रित राजनीति व राष्ट्रनीति की दादागिरी से पोषित अति मुस्लिमवाद के कारण न्याय की निरंतर हत्या और मुस्लिम जनता की हिंसक मानसिकता को बढ़ावा मिलने से भारत का भूमिपुत्र समाज तिलमिला उठा उसका धैर्य, बुद्धि व शौर्य समुचित दिशा देने वाले नेतृत्व के अभाव में भटका जा रहा है।

क्या कभी किसी ने सोचा था कि:
ऽ हम अपने ही देश में उपेक्षित व दूसरों की कृपा पर जीने को विवश होंगे ?
ऽ हम सम्मान के साथ अपने को हिन्दू भी न कह सकेगें ?
ऽ हमारी संस्कृति को नकारकर हम पर आक्रांताओं की संस्कृति थोपने का प्रयास किया जायेगा ?
ऽ बहुमत हिन्दुओं का होने के बावजूद भी सरकारें सिर्फ अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों आदि) के लिये ही काम करेंगी ?
ऽ हिन्दुओं की आस्थाओं का अनादर ही आधुनिक प्रगतिशीलता बन जायेगी।
ऽ हमारी बहन-बेटियों को निरन्तर एक षड्यंत्र के अंतर्गत लव जिहाद के नाम पर नर्क में धकेला जा रहा है और हम उसका प्रतिकार भी नहीं कर पाते ?
ऽ हमारी आस्थाओं द्वारा मन्दिरों में चढ़ाया गया अरबों रुपया ईसाई व मुस्लिम संस्थाओं पर लुटाकर हमारी आस्थाओं का अपमानपूर्वक तिरस्कार किया जा रहा है।
ऽ हमारे द्वारा दिये गये करों से संचित राजकोष को संविधान की अवहेलना करते हुए मुसलमानों के लिये नई-नई योजनाएं बनाकर खुले हाथ से बहाया जा रहा है और हम पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है।
ऽ बंगलादेशी व पाकिस्तानी घुसपैठिये स्थानीय देशद्रोहियों से मिलकर निरंतर जिहादी व अपराधी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं और हम आंख उठाकर भी नहीं देख सकते।
ऽ गोधरा में रेल में रामभक्त यात्रियों को निर्दयतापूर्वक जिंदा जलाने का दर्दनाक हत्याकांड चर्चा व न्याय का विषय नहीं बना परन्तु इसकी प्रतिक्रिया में गुजरात दंगें अन्तहीन दोषारोपण का विषय बना दिये गये।

इस प्रकार राष्ट्र की असीम समस्याओं के बोझ तले हम पीसते चले जा रहे है और इसी बोझ तले जीने को विवश हैं। आज राष्ट्रीय, सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन दांव पर लग गया है। अनगिनत कटीले चुभते प्रश्न हृदय हो बींध रहे है। क्या है इनका समाधान, कौन देगा इनका उत्तर, कैसे व कब सुलझेगी ये गुत्थियां?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress