मीडिया विविधा

देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?

डा. अरविन्द कुमार सिंह
ऽ कश्मीर में भारत का झण्डा जलाया जाता है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ भारत विरोधी नारे लगाये जाते है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ भारत माता डायन है – आजम खान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ विधान सभा में नेताजी अश्लील विडियो देखते पकडे जाते है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ उडीसा विधान सभा राजीव गाॅधी के हत्यारो की फाॅसी पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित करती है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ कश्मीर विधान सभा अफजल गुरू की फाॅसी पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित करती है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ पंजाब विधान सभा भूल्लर की फाॅसी पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित करती है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ तिलक , तराजू और तलवार – इनको मारो जूते चार – सुश्री मायावती – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ रेप पर मुलायम सिंह का बयान – लडके है गलती हो जाती है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ गुजरात दंगो पर सारा मीडिया मुखर होता है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ मुहम्मद साहब पर टिप्पणी – कमलेश तिवारी – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ गिरीराज किशोर, साध्वी ज्योति तथा आदित्यनाथ आदि का बयान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ चन्द लोगो द्वारा पूरे संसद को बधंक बना लेना और कोई काम न होने देना – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ कश्मीर और हैदराबाद विश्वविद्यालय में बीफ पार्टी का आयोजन – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ हैदराबाद विश्वविद्यालय में याकूब मेमन की फाॅसी का विरोध – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ याकूब मेमन की फाॅसी के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रार्थना सभा – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ मेरी बीबी कहती है यह देश रहने लायक नहीं है – आमिर खान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ देश में असहिष्णुता है – शाहरूख खान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ हिन्दू देवी देवताओं का मजाक बनाती फिल्म – पीके – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ कला के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं की अश्लील पेटिंग – फिदा हुसैन – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ मस्जीद के बाहर, टैªफिक रोक कर, सडको पर नमाज – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ बंजरग बली की आरती सडको पर – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ देश के मसले को सयंुक्त राष्ट संघ में चिट्ठी लिखने की धमकी – आजम खान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ देश के प्रधान मंत्री को कायर और मनोरोगी कहना – केजरीवाल – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ मुख्य मंत्री हत्यारा है, जहर की खेती करता है – सोनियाॅ गाॅधी – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ बिना किसी सबूत के , राजीव गाॅधी ने बोर्फोस तोप में दलाली ली थी कहने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह का बयान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल के लिये आन्दोलन चलाया – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ रामदेव ने स्वदेशी अभियान छेडा – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
ऽ इस देश में राम और खुदा को गाली दे लिजिए – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?

हाईर्कोट के एक फैसले से तिलमिला कर श्रीमती इंदीरा गाॅधी ने पूरे देश में आपात काल लगा दिया। लिखने पर पाबंदी, बोलने पर पाबंदी – अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी। इसको चाहकर भी मैं नही कह सकता कि उस वक्त अभिव्यक्ति की आजादी थी।

पर एक दूसरा भी रूप है। पं बगाल के मालदा में डेढ लाख मुसलमानो ने थाने को फूक दिया, हिन्दुओं के घरो को जला दिया, अभिव्यक्ति की आजादी होते हुए भी कुछ को छोडकर पूरा मीडिया समाज न तो इसे समाचार के काबिल समझा और ना ही दिखाने के काबिल। फिर यही मीडिया अभिव्यक्ति की आजादी का सवाल कैसे उठाता है ?

कश्मीरी पंडितो के कश्मीर से निर्वासन पर शायद मीडिया को अभिव्यक्ति की आजादी नही है ? इसीलिये वो नहीं बोलता ? आप सबकुछ बोलकर भी बोलते है कि इस देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?हुजूर आपके लिये तो लोकतंत्र भी मजाक है।

क्या कमाल की बात है, देश की माटी ने आपको पाला, इज्जत दिया , सम्मान दिया, शोहरत दिया , प्रतिष्ठा दिया और अब आप फरमाती है यह देश रहने के काबिल नहीं है।
आप सभी सुविधा भोगी व्यक्तियों से अनुरोध कि हुजूर जरा देश के उन जवानो को भी याद कर ले जो आज सयाचीन और कारगील की चोटियों पर माईनस बत्तीस से लेकर चालीस डिग्री तापमान पर देश की हिफाजत कर रहे है और देश के लिये कुर्बान हो रहे है।
हे राजनेताओं और सुविधाभोगी प्राणियों क्या कभी इस तापमान में जिन्दगी गुजारी है। देश सेवा की ऐसी मिसाल सामने रख्खी है ? आपको तो लोकतंत्र मजाक लगता है और आपको अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?
कमाल की बात है जो देश के रियल हीरो है, वो देश के लिये जान दे रहे है। और जो परदे के हीरो है उन्हे देश रहने के काबिल नजर नहीं आ रहा है। उनके लिये लोकतंत्र मजाक है ?
अभिव्यक्ति की आजादी कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। इस देश में किसी की हिम्मत नहीं है जो इस पर पाबंदी लगा सके। कुछ लोगो ने प्रयास कर के देख लिया। सर्वोच्च न्यायालय के होते हुए इस तरह का जुमला देश और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान है। अभिव्यक्ति की आजादी के जुमले की आड में अपनी सियासी रोटी सेकने वालेदेश के विकास के मार्ग में अवरोधक है।

करण जौहर जी, शाहरूख खान जी, आमिर खान जी कभी केजरीवाल जी से भी पूछ लिजिए कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी है या नहीं ? जिन्होने देश के प्रधानमंत्री को कहा था कि वो कायर और मनारोगी है और आजतक इस पर डटे है। घटना कल की नहीं अभी हाल की है। बस राष्ट्रपति ही बचे है।

हिम्मत बढा नहीं सकते तो हिम्मत तोडने का काम मत कीजिए। देश आगे को अग्रसर है। कृप्या सहयोग कीजिए। समाधान नहीं बन सकते तो समस्या मत बनिए। यही सर्वोच्च राष्ट्र सेवा होगी।