धर्म-अध्यात्म

सरयू नदी का द्वीप : फैला सकती है विरासत की ज्योति 

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी 

अनियमित बदलती धाराएं

सरयू नदी की दुर्दशा से आस्थावान व्यथित हो जाता हैं। सदियों से अयोध्या की पहचान रही सरयू अपनी धारा कई बार बदल चुकी है। घाटों को छोड़कर नदी कई किमी. तक हट कर संकीर्ण धारा के रूप में प्रवाहित हो जाती है। वाराणसी की तर्ज पर बने अयोध्या के घाटों पर कभी सरयू की लहरें कलकल करती रहती थीं। नदी का जल करीब दर्जन भर घाटों को तृप्त करता था। सुबह स्नान और सूर्य नमस्कार के लिए तो शाम को सरयू आरती के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता था। यह विहंगम दृश्य वाराणसी की गंगा आरती की याद दिलाता था। सरयू आरती भी रस्म अदायगी तक रह जाती है। इसका असर यह है कि कभी कभी घाटों पर भी वीरानी छा जाती है। नदी के बीच में टीले बन चुके बालू को हटाने के ठोस प्रयास नहीं हो पाते हैं। सरयू की पेटी उथली हो चुकी है। घाटी के बीच के हिस्से में गाद के ऊंचे टीले बनते जा रहे हैं। ये टीले इतने विशाल हैं कि बरसात के समय भी दिखाई देते हैं , जब सारा इलाका जल से मग्न हो जाता है। इसका प्रमुख कारण नदी की सफाई न होना है ही, अनियोजित ढंग से हुए अवैध बालू खनन के चलते नदी की धारा में बदलाव हो जाता है।

निलयम पंचवटी द्वीप

सरयू नदी में मुख्य रूप से एक बड़ा द्वीप बन चुका है, जिसे निलयम पंचवटी द्वीप के रूप में विकसित किया जा रहा है।   नदियाँ न केवल जीवन का आधार हैं, बल्कि ये सभ्यता और संस्कृति को भी विकसित करती हैं। नदी के बीच पूजा-अर्चना से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है क्योंकि यह प्रकृति के करीब होने और जल संरक्षण के महत्व को समझने का एक सशक्त माध्यम है। यह मान्यता है कि नदियाँ जीवनदायिनी हैं और इनकी पूजा करने से वातावरण में सकारात्मकता आती है। इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए रामनगरी में भगवान राम के वन-गमन पर आधारित पंचवटी द्वीप का निर्माण सरयू तट पर हो रहा है। नदी के किनारे गुप्तारघाट से 600 मीटर दूरी पर लगभग 75 एकड़ में 100 करोड रुपए की लागत से यह द्वीप बनाया जा रहा है। इसका निर्माण श्रीनिलयम संस्था लखनऊ करीब दो वर्षों से करा रही है। इसे अभी पूर्ण रूप से जमीन पर नहीं उतारा जा सका है। सड़क का निर्माण कराकर उसके किनारे सजावटी पौधे लगा दिये गये हैं। लाइटिंग की भी व्यवस्था कर दी गई है। द्वीप के लिए जिला प्रशासन ने माझा जमथरा में श्रीनिलयम संस्था को कई हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क उपलब्ध करायी है। माँ सरयू की गोद में बसा श्री निलयम पंचवटी द्वीप मनमोहक सौंदर्य से परिपूर्ण है। दो चरणों में बन रही इस परियोजना के पहले चरण में 40 एकड़ क्षेत्र में कार्य चल रहा है। इसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ‘राम की जीवन यात्रा’ से जुड़ा अनुभव देने की तैयारी है। परियोजना अयोध्या के पर्यटन और धार्मिक महत्व को नई पहचान देने की दिशा में अहम कदम है। इनका लक्ष्य इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदलना है, जो तन, मन और आत्मा के लिए समग्र अनुभव प्रदान करे।  यह परियोजना पर्यटकों को रामायण से जुड़े प्रसंगों की जानकारी और त्रेतायुगीन अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से लॉन्च की गई है। रिसॉर्ट में प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक सुविधाओं का मिश्रण है। अयोध्या में प्रभु रामलला के दर्शन के लिए देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को राम लला के दर्शन के बाद प्रभु राम के जीवन दर्शन को आत्मसात करने का यहां मौका मिलेगा। प्रकृति और आधुनिक वास्तुकला के अपने सामंजस्य- पूर्ण मिश्रण के साथ, श्री निलयम का लक्ष्य पर्यटकों की लोकप्रियता में श्री राम मंदिर जैसा अन्य विकल्प भी प्रस्तुत करना है। हरे-भरे प्राकृतिक दृश्यों और वनस्पति उद्यानों से लेकर सांस्कृतिक प्रदर्शनियों और साहसिक गतिविधियों तक, हर कोना हर उम्र के मेहमानों के लिए आकर्षण और स्फूर्ति के साथ प्रस्तुत करने की योजना है।

नमामि गंगा परियोजना से प्रेरित

श्री निलयम पंचवटी द्वीप प्रॉजेक्‍ट के प्रभारी राज मेहता ने बताया कि 2019 में राष्‍ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में पी एम मोदी ने नमामि गंगा परियोजना को अर्थ गंगा जैसे सतत विकास मॉडल में बदलने का संदेश दिया था। जिससे सदियों से नदियों पर आश्रित लोगों को जोड़ा जा सके। उन्‍हें रोजगार के नए अवसर मिले, जिससे उनका जीवन स्‍तर उठ सके। इसी संदेश से प्रेरित होकर श्रीनिलयम पंचवटी द्वीप की संरचना की गई है।  श्रीनिलयम पंचवटी में श्रद्धालुओं को राममय बनाने के सारे साधन एक ही परिसर में उपलब्‍ध करवाने की व्‍यवस्‍था की गई है। जहां वे प्रवास के दौरान वह आध्यात्मि‍क सुख का अनुभव कर सकेगें।

पीपे का पुल बनाया जा रहा 

अयोध्या के माझा जमथरा में निर्माणाधीन पंचवटी द्वीप पहुंचने के लिए सरयू नदी पर पीपे का पुल बनाया जाएगा। पीपे के इस पुल से चार पहिया वाहन भी द्वीप तक आसानी से पहुंच सकेंगे। पैदल व बाइक से तो उस पर जाया ही जा सकेगा। करीब दो सौ मीटर लंबा यह पुल पांच मीटर चौड़ा होगा। यह पुल लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधीन होगा। 

सरयू नदी पर एक नया पीपा पुल बनाने के लिए शासन ने ₹1,46,78,000 की धनराशि स्वीकृत की है, जिसमें से ₹73,39,000 इस वित्तीय वर्ष में जारी कर दिए गए हैं।  अवर अभियंता पी पी सिंह ने बताया कि पीपे का पुल बनाने के लिए टेंडर का प्रकाशन हो चुका है। 15 अक्टूबर से 15 जून तक इस पर आवागमन हो सकेगा। 15 जून से बरसात शुरू होने पर इसे प्रांतीय खंड हटा लेगा। उस समय नदी में पानी बढ़ जाएगा। बहाव भी बहुत तेज होगा। 15 अक्टूबर से इस पर आवागमन शुरू होगा।

मुक्त गगन के नीचे विरासत की खास गतिविधियां 

इस द्वीप पर कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जैसे – अयोध्या के बेहतरीन रिट्रीट, श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट में दिव्य शांति और शानदार आराम की व्यवस्था। हरियाली के बीच बसा लक्ज़री टेंट स्टे, विरासत, आध्यात्मिकता और आधुनिक सुविधाओं का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करता है, जो एक शांतिपूर्ण और आनंददायक प्रवास सुनिश्चित करता है।

रामकथा अनुभव केंद्र 

अयोध्या के श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट में राम अनुभव केंद्र के आध्यात्मिक सार का वातावरण प्रदान करता है। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ भक्ति और दिव्य अनुभव का मिलन होता है। भगवान श्रीराम के जीवन और शिक्षाओं में आगंतुकों को डुबोने के लिए डिज़ाइन किया गया यह अनूठा स्थान इतिहास, आस्था और सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रही है।

राम के जीवन चरित्र से जुड़े प्रसंग 

प्रभु राम के वनगमन के साक्षी बनाने के लिए राम वनगमन पथ का क्रिएशन किया जा रहा है। द्वीप में भगवान राम की जीवन गाथा को मूर्तियों, भित्तिचित्रों और ऑडियो विजुअल तरीके से मानस के विभिन्न खंडों का प्रस्तुतीकरण किए जाने की योजना है। पंचवटी द्वीप में मूर्तियों के माध्यम से चाहे वह ऋषि मुनि हो या फिर शबरी अहिल्या हो , श्रद्धालुओं को रामायण कालीन प्रसंग को बताने की कोशिश की जा रही है।

ऋषियों के नाम पर कॉटेज

पर्यटन के लिहाज से श्रद्धालुओ के लिए टेंट सिटी हब और बच्चों के एंजॉय के लिए भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए अयोध्‍या को आकर्षण के केंद्र के रूप में स्‍थापित करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। निलयम पंचवटी द्वीप में आने वाले पर्यटकों को प्रभु राम के जीवन चरित्र से जुड़े प्रसंगों की जानकारी के साथ त्रेता युगीन व्‍यवस्‍था का भी अनुभव और आभास हो सके ऐसा प्रयास किया जा रहा है। कल्‍पवास और वैदिक गांव की अनुभूति कराती ऋषियों-मुनियों के नामों से बनी 108 पर्ण कुटी बन रही है।

अन्य रोमांचक गतिविधियां

कचरा व अपशिष्‍ट जल का ट्रीटमेंट व रिसाइकल प्‍लांट चालू किया जाएगा।

ओडीओपी के तहत अयोध्‍या के गुड़ व चटाई उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। मिट्टी से बने बर्तनों- खिलौनों को बढ़ावा दिया जाएगा। घाट की हाट में इनकी बिक्री को प्रोत्‍साहन दिया जाएगा। सांस्‍कृतिक कार्यक्रम में भजन संध्‍या आयोजित होंगी। सन राइज और सनसेट पाइंट विकसित किए जाएंगे। मैजिक-शो, घुड़सवारी, ऊंट की सवारी, तीरंदाजी के साथ ही हस्‍तरेखा और ज्‍योतिष शास्‍त्र विशेषज्ञों के परामर्श की व्‍यवस्‍था यहां उपलब्ध कराई जाएगी। नौकायन, पावर बोट, स्‍पोर्ट्स का इंतजाम भी किया जाएगा। 

गंतव्य विवाह 

श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट के शांत और आध्यात्मिक वातावरण में स्थित मान सरोवर बैंक्वेट में अपने जीवन के सबसे खास दिन का जश्न मनाया जा सकेगा। विलासिता, परंपरा और दिव्य आशीर्वाद का एक आदर्श मिश्रण,” हमारा बैंक्वेट आपकी शादी” को एक रोचक और अविस्मरणीय अनुभव में बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

योग एवं सत्संग स्थल 

श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट के योग एवं सत्संग स्थल पर आध्यात्मिक सद्भाव में डूबने का अवसर मिलेगा । मन, शरीर और आत्मा के पोषण के लिए डिज़ाइन किया गया यह पवित्र स्थान ध्यान, योग और आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए एक शांत वातावरण प्रदान करता है, जिससे अयोध्या के दिव्य स्पंदनों के बीच अपनी अंतरात्मा से जोड़ा जा सकता है। योग से निरोग की अवधारणा को भी साकार किया जा रहा है।

साहसिक एडवेंचर जोन 

 श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट के एडवेंचर ज़ोन में श्रद्धालु अपनी साहसिक भावना को उजागर कर सकता है। रोमांच की तलाश में हों या परिवार और दोस्तों के साथ मौज-मस्ती की गतिविधिया एडवेंचर ज़ोन प्रकृति के बीच एक रोमांचक क्षण प्रदान करता है।

समग्र स्वास्थ्य के लिए जिम ज़ोन 

श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट में समग्र स्वास्थ्य के लिए जिम ज़ोन बनाया जा रहा है। जहां प्रवास के दौरान सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए अनुकूल डिज़ाइन किया गया है। फ़िटनेस के शौकीन हों या बस अपनी दिनचर्या को बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक जिम 

संसाधन मुहैया कराया जा रहा है। जिससे फिट रहने के लिए एक आदर्श वातावरण मिलेगा।

बच्चों का क्रीडस्थल और मनोरंजन 

श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट में पूरे परिवार के लिए सुखद यादें बनाने के लिए बच्चों का क्रीडस्थल और मनोरंजन की भरपूर व्यवस्था की गई है। यहां का  किड्स ज़ोन एक जीवंत और सुरक्षित जगह है जहाँ बच्चे खेल सकते हैं, सीख सकते हैं और नई-नई चीज़ें खोज सकते हैं, जबकि माता-पिता आराम से अपने प्रवास का आनंद ले सकते हैं।

जैविक- औषधीय खेती

श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट में, गोबर पर आधारित जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमें जैविक खेती के माध्यम से एक स्थायी और स्वस्थ जीवन शैली को 

अपनाने के तौर तरीके देखने को मिलेगा।

यहां के हरे-भरे खेत मेहमानों को पारंपरिक खेती, ताज़ी उपज और पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली की खूबसूरती का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं। स्‍थानीय औषधीय आयुर्वेदिक पौधों से जीविका के साधन सृजित करने की योजना है।

शुद्ध स्‍वादिष्‍ट सात्विक रेस्टोरेंट

शुद्ध स्‍वादिष्‍ट शाकाहारी भोजन प्रसाद और शुद्ध गाय के घी से बने व्‍यंजन की व्‍यवस्‍था की जा रही है। यहाँ हर भोजन एक पवित्र अनुभव है।  श्री निलयम पंचवटी रिज़ॉर्ट में स्थित रेस्टोरेंट भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद की समृद्ध परंपराओं से प्रेरित एक प्रामाणिक सात्विक भोजन अनुभव प्रदान करता है।

नए प्याइंटों पर काम 

करने की संभावनाएं

नए प्याइंटों पर कुछ और किए जाने के संभावनाएं हैं। (जो संलग्न चित्र में लाल रंग में 1,2,3 और 4 नम्बर के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया गया है।) इसके लिए नदी के जलस्तर को स्थिर करने और बाढ़ नियंत्रण के उपाय करने होंगे। पंचवटी द्वीप के विकास और श्री राम अनुभव केंद्र के निर्माण के तर्ज पर अयोध्या विकास प्राधिकरण और वैज्ञानिक विशेषज्ञ इस दिशा में प्रयास कर सकते हैं। विकास के तहत व्यापार और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर जलमार्ग से। नदी में कटान और अनियमित जल स्तर की समस्या के कारण इन योजनाओं को सावधानी पूर्वक और इंजीनियरिंग की सहायता लेना आवश्यक होगा। 

1.एक और द्वीप

गूगल मैप पर R4GQ+798 फतेहपुर सरैया मांझा, अयोध्या पर दर्शनीय है। यह श्री संकट मोचन श्री हनुमान मंदिर के पास गूगल मैप पर R42Q+X2X अयोध्या कैंट, 224001 के पास स्थित है।

2.एक और द्वीप 

गूगल मैप पर R55F+7XF मांझा कलां  पर यहां एक द्वीप विकसित हो सकती है, जो पंचवटी प्राचीन हनुमान मंदिर बाटी बाबा के आश्रम केनिकट है।

3.एक और द्वीप 

 गूगल मैप R53R+V6F मांझा कलां 

 पर दिखने वाली एक और द्वीप भी विकसित हो सकती है। यह राजघाट के पार्क के पास स्थित है।

4.एक और द्वीप 

 गोआश्रय स्थल,अयोध्या गोण्डा राज मार्ग से करीब में ही है। गूगल मैप पर R59H+34R मांझा कलां अयोध्या पर दर्शनीय है। यहां भी नदी तलीय विकास की प्रचुर संभावनाएं हैं।

लेखक परिचय:-

(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए सम सामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।)