जाने क्यों लोग,घरो से निकला करते है |

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जाने क्यों लोग,घरो से निकला करते है |
मोदी जी की बात को,क्यों अनसुना करते है ||

ये बीमारी नही महामारी है
जो सारे संसार में फ़ैल रही |
इसको देख कर गगन क्या
धरती भी है अब दहल रही ||
चारो तरफ हाहाकार मचा है ,
फिर भी कानो में न जू रंग रही |
अपने पैरो कुल्हाड़ी मार रहे हो ,
क्यों न उनको अक्ल आ रही ||
सब कुछ देखकर भी वे अनदेखा क्यों करते है
जाने क्यों लोग घरो से बाहर निकला करते है |
मोदी जी की बात क्यों वे अनसुना करते है ||

क्यों कूच कर रहे शहरो से,
क्यों ख़तरा मोल ले रहे तुम |
समझदार होकर भी तुम ,
क्यों नासमझी कर रहे तुम ||
कुछ दिन की तो बात है ,
ये कोरोना थम जायेगा |
चायना में तो थम गया है
भारत में भी थम जायेगा ||
करो सहयोग सरकार से
अफवाहों पर न जाओ तुम |
रोजी रोटी शहरो में है
फिर लौट कर आओगे तुम ||
ऐसी नादानी करो न तुम
बे वजह रोजी छोड़कर निकला करते है |
जाने क्यों लोग घरो से निकला क्र्रते है |
मोदी जी की बात को,क्यों अनसुना करते है ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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