कहानी साहित्‍य

लधुकथा(पुस्तकवध्द)

boysआज रविवार था ,विजय को भी दफतर से अवकाश था । सोचा परिवार सहित बाजार घूमने चलें । विजय की पत्नी नेहा व बच्चे भी जल्दी से तैयार हुए और गाड़ी में बैठकर चल दिए । विजय की पत्नी नेहा व बेटी स्नेहा ने शापिगं की । खरीदारी करने के बाद विजय एक बुकस्टाल पर रूका और ताजा समाचार पत्र और स्टेशनरी का सामान खरीदा । विजय ने अपने दस वर्षीय बेटे मनु को पूछा , बेटे तुम भी कोई अच्छी सी सामान्य ज्ञान की वाली पुस्तकें ले लो। विजय के बड़े बेटे ने बुक स्टाल पर रखी अनेक पुस्तकें देखी ,लेकिन उसे कोई पुस्तक अच्छी नहीं लगी । तभी विजय के छोटे बेटे राजू ने कहा पापा मुझे वह सामने वाली पुस्तक पसंद है इसे मुझे खरीद लो ,राजू का इशारा एक अश्लील पुस्तक की तरफ था। विजय के पैरों तले जमीन खिसक गई । विजय कभी दुकानदार की तरफ तो कभी राजू की तरफ देख रहा था।