स्त्री की प्यारी दुनिया

कल्पना जोशी
कक्षा-9 ,उम्र-17
गरुड़ , बागेश्वर
उत्तराखंड

स्त्री की प्यारी दुनिया,
इतनी न्यारी होगी क्या?
दर्द झेलती दुनिया से सारी,
फिर भी न समझे कोई प्यारा,
समाज से करते इसे हैं दूर,
और फिर करते जीने को मजबूर,
करते ना स्त्री का कोई सम्मान,
कहते हैं, नहीं है उसका कोई काम,
स्त्री का करोगे अगर तुम अपमान,
नहीं होगा फिर जीवन कोई आसान।

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