महाशिवरात्रि 2017 पर बने हैं ये विशेष योग —

,हमारे देश में सभी त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाए जाते है। फिर वह चाहे दिवाली हो, होली हो या महाशिवरात्रि। आगामी 24 फरवरी 2017 को महाशिवरात्रि है। ऐसे में सभी श्रद्धालू धूम धाम से शिवरात्रि की तैयारी में लगे हुए है। देशभर के सभी शिव मंदिरों में धूम मची हुई है। विशेष बात यह है कि इस बार महाशिवरात्रि विशेष संयोग में मनाई जाएगी। इस बार महाशिवरात्रि शुक्रवार की है जिस दिन पूरे तीन विशेष योग बने है। दो दिन पड़ने वाले महाशिवरात्रि का पर्व इस बार स्वार्थ सिद्ध एवं सिद्ध योग पड़ने से खास होगा। चतुर्दशी तिथि 24 फरवरी 2017 की रात्रि साढ़े नौ बजे प्रारंभ होगी जो 25 फरवरी 2017 को रात्रि सवा नौ बजे तक रहेगी। महाशिवरात्रि का पर्व रात्रि व्यापिनी होने पर विशेष माना जाता है ऐसे में चूंकि 25 फरवरी की रात्रि में चतुर्दशी तिथि न होने से 24 फरवरी को महाशिव रात्रि का पर्व शास्त्र सम्मत माना और मनाया जायेगा । महाशिवरात्रि को अर्द्ध रात्रि के समय ब्रह्माजी के अंश से शिवलिंग का प्राकट्य हुआ था इसलिए रात्रि व्यापिनी चतुर्दशी का अधिक महत्व होता है। इस वर्ष सबसे विशेष बात यह है कि दोनों दिन सिद्ध योग पड़ रहे हैं। 24 फरवरी 2017 को स्वार्थ सिद्ध योग तथा 25 फरवरी 2017 को सिद्ध योग पड़ रहा है।

24 फरवरी 2017 को चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होने के साथ ही भद्रा भी लग जाएगी लेकिन भद्रा पाताल लोक में होने के कारण महाभिषेक में कोई बाधा नहीं होगी बल्कि यह अत्यंत शुभ रहेगा। महाशिवरात्रि का व्रत कर रात्रि में ओम नम: शिवाय का जाप करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होगी।आमतौर पर महाशिवरात्रि की पूजन एक दिन पहले रात्रि से ही शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार विशेष संयोग होने से शिव पूजन 24 फरवरी को सुबह जल्दी साढ़े चार बजे के बाद से शुरू होगी। उदयकाल होने से इसे 24 फरवरी को मनाया जाएगा।

पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति वर्ष भर कोई व्रत उपवास नहीं रखता है और वह मात्र महाशिवरात्रि का व्रत रखता है तो उसे पूरे वर्ष के व्रतों का पुण्य प्राप्त हो जाता है। इससे पूर्व 30 वर्ष पहले महाशिवरात्रि दो दिन मनाई गई थी। शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा अत्यंत फलदायी होती है। शिव रात्रि पर चार प्रहर की पूजा से सभी प्रकार की कामनाएं पूर्ण होती है।

इस वर्ष की महाशिवरात्रि की सबसे विशेष बात यह है कि दोनों दिन सिद्ध योग पड़ रहे हैं। 24 फरवरी को स्वार्थ सिद्ध योग तथा 25 फरवरी को सिद्ध योग पड़ रहा है।
======================================================================

इस बार महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र का साक्षी सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग एवं त्रियोदशी प्रदोष का योग बना है जो शिवभक्तों के लिए बेहद फलदायी होगा। यह संयोग बेहद मुश्किल से आता है। इसके पीछे मान्यता है कि इस संयोग में भगवान शिव को रूद्राभिषेक के पाठ से प्रसन्नता मिलती है।
इससे पहले श्रवण नक्षत्र के साथ शिवरात्रि का योग साल 2006, 2007, 2009 एवं 2015 में बना था। दो साल बाद शिव भक्तों को यह विशेष अवसर मिला है। इसके चलते इस शिवरात्रि श्रद्धालूओं के लिए स्पेशल रहेगी। इस दिन नीलकंठ की पूजा-भक्ति अत्यंत फलदायी होती है। यहीं नहीं बल्कि घर में सुख, शांति एंव समृद्धि बनी रहती है।
==================================================================================

इन पदार्थों से करें भगवान का महाभिषेक—-
भगवान को गाय के दूध से अभिषेक करने पर पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। जबकि गन्ने के रस से लक्ष्मी प्राप्ति, दही से पशु आदि की प्राप्ति, घी से असाध्य रोगों से मुक्ति, शर्करा मिश्रित जल से विद्या बुद्धि, कुश मिश्रित जल से रोगों की शांति, शहद से धन प्राप्ति, सरसों के तेल से महाभिषेक करने से शत्रु का शमन होता है। इस दिन व्रतादि रखकर शिवलिंग पर बेलपत्री, काला धतूरा चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही भगवान शिव के सम्मुख कुबेर मंत्र के जाप से भी धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ की बेलपत्र, धतूरा, फूल, पंचमेवा आदि से पूजन करते है। गन्ने रस से शिवजी का स्नान कराते है वहीं कुछ लोग शिव लिंग को गाय के कच्चे दूध से स्नान कराते हैं। ऐसा माना जाता है कि गाय के दूध से शिवजी को स्नान कराने से विद्या प्राप्त होती है वहीं गन्ने के रस से स्नान कराने से लक्ष्मी प्राप्त होती हैं। इसी दिन लोग उपवास रखते है एवं दान-पुण्य भी करते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress