मेरी बेटी

खुशबू है मेरी आंगन की
जो सारे घर को महकाती है।
लोरी है मेरी दामन की
जो खुद को और मुझे सुलाती है।
कोयल है एक डाली की
जो सारे बाग को चहकाती है
कली है एक फुल की
जो बेरंग दुनिया में रंग भर जाती है।
एक बुंद है सागर की
जो मेरी प्यास बुझाती है।
ख्वाब है मेरे जीवन की
जो मुझे जीने की राह दिखाती है।
कहानी है मेरे नानी की
जो मेरे बीतें दिनों की याद दिलाती है ।

 

राकेश कुमार पटेल

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