
यदि हाथ और नाखून पीले पड़ने लगें और नाखूनों पर धब्बे जैसे दिखने लगें, साथ ही बुध रेखा कटी-फटी दिखे तो ऐसे लोग आंतों की बीमारी से परेशान हो सकते हैं। यदि शनि के नीचे द्वीप का निशान दिखे तो रीढ़ की हड्डी की बीमारी हो सकती है।ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अगर शनि क्षेत्र उच्च और रेखाओं से भरा हो, बुध, शनि रेखा लहरदार लंबी हो और अंगुलियों का बीच का हिस्सा लंबा होता है तो दांतों से जुड़े रोग हो सकते हैं। अगर मस्तिष्क रेखा के मंगल के पास वाले हिस्से पर सफेद दाग नजर आयें और दोनों हाथों में हृदय रेखा बीच से खंडित हो तो ये गुर्दे के रोगों की निशानी हो सकती है। अगर बुध रेखा पर काले निशान के साथ नक्षत्र और द्वीप के चिह्न दिखें तो ये पीलिया होने की ओर इशारा करते हैं।
अगर मस्तिष्क रेखा पर शनि क्षेत्र के नीचे के हिस्से में जंजीर जैसा निशान दिखे तो ये फेफड़े और गले के रोगों के बारे में संकेत देता है। हाथ के नाखून ऊंचे उठे हो और मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत से बुध पर्वत तक पंखदार हो कर जाती है तो ऐसे व्यक्ति को टीबी होने का खतरा रहता है। हाथ की अंगुलिया नुकीली, मुड़ी हुई हों और पर्वत नीचे दबे हों या फिर नाखून लाल हों और उन पर चकते जैसे हों तो ये मिर्गी रोग के लक्षण हो सकते हैं। अगर हथेली में उच्च शनि पर्वत ढेर सारी रेखाओं के साथ हो, मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत के नीचे खंडित हो जाए, स्वास्थ्य रेखा घिसी एवं छिन्न-भिन्न हो, साथ ही आयु रेखा को काटते हुए चंद्र पर्वत से रेखा निकल जाए तो पैरों और गठिया का रोग हो सकता है। चंद्र पर्वत पर नक्षत्र चिह्न हो और चंद्र पर्वत के नीचे का भाग उच्च एवं कई रेखाओं से कटा हुआ हो साथ ही उस पर भी नक्षत्र चिह्न हो तो व्यक्ति को जलोदर रोग हो सकता है।