नरेंद्र मोदी : विकास के “भगीरथ”, आधुनिक भारत के  “शिल्पकार”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर

प्रदीप कुमार वर्मा

एक लोकप्रिय राजनेता। एक कुशल रणनीतिकार। जनता का प्रधान सेवक। सादगी और सेवा की प्रतिमूर्ति। और विकसित भारत का आधुनिक शिल्पकार। जी हां हम बात कर रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में करीब पच्चीस साल के राजनीतिक जीवन में नरेंद्र मोदी ने जहां गुजरात को विकास के उच्च पायदान पर पहुंचाया, वहीं, बीते 11 सालों से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत का संकल्प को साकार करने का दम दिखाया है। लगातार तीसरी बार देश की सत्ता की बागडोर संभालने वाले नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को कई मायनों में अद्वितीय माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण से लेकर देश को सेना और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाले नरेंद्र मोदी आज भी राजनेता के रूप में लोगों की पहली “पसंद” बने हुए हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिए समूचे राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं। साथियों की पहचान विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय एवं दमदार नेताओं में भी शुमार है।

        प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म तत्कालीन बॉम्बे और वर्तमान गुजरात राज्य के महेसाना जिला स्थित वडनगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 17 सितंबर 1950 को हुआ। अपने  माता-पिता की कुल छ: संतानों में तीसरे पुत्र नरेन्द्र ने बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता का हाथ बंटाया। मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की। इसके बाद उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और मास्टर डिग्री प्राप्त की। नरेन्द्र जब विश्वविद्यालय के छात्र थे तभी से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे। इस प्रकार उनका जीवन संघ के एक निष्ठावान प्रचारक के रूप में प्रारम्भ हुआ। उन्होंने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलाई और भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाई। गुजरात में शंकरसिंह वाघेला का जनाधार मजबूत बनाने में नरेन्द्र मोदी की ही रणनीति थी। 

       वर्ष अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिलीजुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लाई, जब गुजरात में वर्ष 1995 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनाएं और इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें आडवाणी के प्रमुख “सारथी” की भूमिका में नरेन्द्र का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित काश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथयात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही “देखरेख” में आयोजित हुई। इसके बाद शंकरसिंह वाघेला ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया। भाजपा ने वर्ष1995 में राष्ट्रीय मंत्री के नाते उन्हें पांच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।  संघ एवं संगठन के प्रति समर्पण के चलते  वर्ष 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। 

     इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी। गुजरात में विकास के नए आयाम स्थापित करने के बाद नरेंद्र मोदी की एंट्री दिल्ली की राजनीति में हुई और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पार्टी का मुख्य चेहरा घोषित किया। इस लोकसभा चुनाव में एक सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी हुए। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की। इस चुनाव में जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा। इस चुनाव में अकेले भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की। मुख्य विपक्षी दल और डेढ़ सौ साल पुरानी पार्टी कांग्रेस केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई और उसके गठबंधन को केवल 59 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। नरेन्द्र मोदी स्वतंंत्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन्  2001 से 2014 तक लगभग 13 साल गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री रहे। 

        नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री के तौर पर अपने 11 साल के कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी विकास एवं कल्याण के नए आयाम स्थापित किए हैं। आज भारत रक्षा, व्यापार, वाणिज्य तथा अन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। वहीं, विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत में अपने नाम का डंका विश्व पटेल पर बजाया है। यही वजह है कि आज विश्व बिरादरी में भारत के प्रति दूसरे देशों का “नजरिया” बदला है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की सफलताओं पर गौर करें,तो जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाना उनका “मास्टर स्ट्रोक” माना जाता है। इसके साथ ही राम मंदिर मामले की सुप्रीम कोर्ट में रोजाना की सुनवाई से लेकर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला आने, राम मंदिर निर्माण बोर्ड के गठन सहित मंदिर के निर्माण और उसके शुभारंभ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता और समर्पण देखते ही बनता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में डिजिटल इंडिया अभियान को गतीदी जिसके चलते ऑनलाइन लेनदेन से लेकर अन्य मामलों में भारत ने आज विदेशी धरती तक अपनी “धमक” पहुंचाई है। 

      देश के गरीब तबके की महिलाओं को रसोई घर के धुएं से मुक्ति दिलाने तथा जंगलों के कथन को रोकने के लिए एनडीए सरकार की उज्ज्वला योजना योजना आज लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। अपने पहले ही कार्यकाल में स्वच्छता के महत्व को जान और समझ कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का आगाज किया।    इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों के सेलिब्रिटी को अभियान से जोड़ा। नतीजा यह है कि आज स्वच्छता लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। देश में आर्थिक सुधारो को गति देने तथा लोगों की सहायता राशि को सीधे बैंक खाता तक पहुंचाने के लिए मोदी ने कई ऐतिहासिक फैसला किए।  इनमें प्रधानमंत्री जन धन योजना एक मील का पत्र साबित हुई इसके बाद कई धन की समाप्ति के लिए मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया और आर्थिक तथा कर सुधारो के लिए जीएसटी को लागू किया। जीएसटी कानून के बाद देश का खजाना भरने लगा अभी हाल ही में सरकार ने जीएसटी काउंसिल की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद जीएसटी के चार स्लैब को घटाकर केवल दो कर दिए। जिससे महंगाई में कमी आने के पूरे आसार है।

         केंद्र सरकार के इस कदम को देश के लोगों के लिए दीपावली और नवरात्रि का तोहफा माना जा रहा है। देश के विकास में खेती किसानी के महत्व को समझते हुए कई कृषि सुधार भी किए गए हैं।  देश के किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए किसान सम्मन निधि योजना आज हर व्यक्ति की जुबान पर है। सेना के आधुनिकीकरण तथा रक्षा बजट में बढ़ोतरी के साथ-साथ देश की रक्षा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी नरेंद्र मोदी सरकार ने कई बेहतरीन उपाय किए हैं। इसमें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के साथ-साथ अपने दोस्त देश से रक्षा संबंधी उपकरण खरीदे हैं। जिससे भारत की सीमाएं महफूज हुई है और देश के दुश्मन अब अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज आजादी के 78 साल बाद रेल सेवाओं से महरूम रहे सिक्किम और समूचे उत्तर पूर्व को रेल सेवा से सीधा जोड़ा गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को भी अपनी प्राथमिकताओं में ऊपर रखा है, जिसकी वजह से आज उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में टनल और पुलों के निर्माण के बाद अब तीर्थ यात्रा वर्ष के सभी महीनों में जारी रह सकेगी। 

       इसके साथ ही जम्मू के कटरा से श्रीनगर तक सीधा रेल सेवा संपर्क सहित अन्य क्षेत्रों में भी रेल के विस्तार की योजना अमलीजामा पहन रही है। कटरा और श्रीनगर के बीच एफिल टावर से ऊंचा रेलवे पुल तकनीक के क्षेत्र में भारत की श्रेष्ठ को सिद्ध करता है। वही द्वारका से भेंट द्वारका तक जाने के लिए बनाया गया क्षेत्र आधुनिक तकनीक का एक बेजोड़ नमूना है इससे लोगों की तीर्थ यात्रा सुरक्षित और सुखद हुई है। इसके साथ ही समूचे देश में नेशनल हाईवे का जाल तथा बड़े पुल एवं सेतु का निर्माण से भी लोगों के जीवन को गति मिली है।  पूरे देश में वंदे भारत तथा नमो रेल के माध्यम से भी लोगों की यात्रा सुखद,सुरक्षित एवं सुविधाजनक हुई है। प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने बीते 11 सालों में वक्त संशोधन बिल सहित कई उपयोगी बिल संसद में पेश कर उन्हें पास कराया है। इसके बाद लोगों की उम्मीद परवान चढ़ी है। इसके साथ ही नए आपराधिक कानून का निर्माण, एक देश एक चुनाव योजना, राशन कार्ड के राष्ट्रीयकरण, मुद्रा योजना तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश के लोगों के जीवन को सुखद बनाने का काम मोदी सरकार ने किया है। 

             इसके साथ ही कोरोनाकाल में वैक्सीन निर्माण,खेलो इंडिया,आयुष्मान भारत – पी एम जय,अल्पसंख्यकों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना,कौशल भारत मिशन,मेक इन इंडिया,सांसद आदर्श ग्राम योजना,श्रमेव जयते योजना,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,पीएम मुद्रा योजना,प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना,स्मार्ट सिटी पहल तथा नमामि गंगे योजना किसी सकारात्मक एवं सार्थक परिणाम देश के सामने आए हैं। हाल के दिनों में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए  विश्व को दिखा दिया कि भारत अब आतंकी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। अमेरिका द्वारा भारत पर 50 फ़ीसदी टेरिफ लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक सूझबूझ के चलते अब भारत विश्व में व्यापार के लिए अपने नए ठिकाने खोज रहा है और उसमें वह सफल भी हुआ है। देश की सीमाई सुरक्षा की खातिर स्वाधीनता दिवस  पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश के सीमा क्षेत्र में बदल रही डेमोग्राफी को ध्यान में रखते हुए एक नए डेमोग्राफी मिशन को लॉन्च करने का ऐलान भी किया है। भारत में त्वरित विकास के चलते यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश वर्ष 2047 तक विकसित भारत के “संकल्प” को जरूर पूरा करेगा।

प्रदीप कुमार वर्मा

लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।

————————————————————————

8 attachments — Download all attachments View 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress