
जे कबहू ना बोलत रहा, रहा दूरि अउ चाहे नियर
आज ऊहै कहत बाटै, हैप्पी न्यू इयर
ह्वाटस्अप पै मैसेज देय, हाथ जोड़ि सिम्बल
दुइ हजार उन्निस मा, बन्द रहा बोलचल
बिटवा कहै बाप से तू बाटा उन्नीस ता हम बाटी बीस
नवा साल मंगल होय, दुइ हजार बीस।।
केहू रहै भूखा नंगा, फटेहाल भीखमंगा
साफ नाही भइल गंगा, मनुवो बा नाही चंगा
उन्नइस कै देखि दंगा आगी कै नाच नंगा
नेता लोग चढ़िगै खम्भा, देखि देखि भा अचम्भा
लिये खातिर आशीर्वाद जोड़े है हाथ ऊ निपोरे है खीस
नवा साल मंगल होय, दुइ हजार बीस।।
मेहरि कै साड़ी नाही, नाही बा झुमकी बना
ऊहौ बाजेला घना, जे कि रहा थोथा चना
पावै का कछू नाही, जउन रहा खोवैला
सरकार सोवैला अउ किसान रोवैला
लोन कै ता बात छोड़ि, ना चुकाइ पावेला स्कूली फीस
नवा साल मंगल होय, दुइ हजार बीस।।
उमर ई पढ़ाई बा, सबकर लड़ाई बा
हाथे किताब नाही, पकड़े कड़ाही बा
पेट भरै का चाही, रोटी कै आस
चाय लइकै छोटू आवै, धोवै गिलास
छोटू के हाथे आवै, खाली बख्शीश
नवा साल मंगल होय, दुइ हजार बीस।।
केतना जवान भइले, केतना बुढ़ाइ गइले
केतना मोटाइल हैं केतना दुबराइ गइले
केतना ब्यूटी पार्लर मा, बनी ब्यूटी पीस
केतनन कै टूटि गइल, दातौ बत्तीस
सबही मा प्रेम होय, अउरि दा अशीष
नवा साल मंगल होय, दुइ हजार बीस।।
-अजय एहसास