
मुंबई। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुंबई कांग्रेस का नेतृत्व बदलते ही पार्टी के वरिष्ठ नेता भंवरसिंह राजपुरोहित ने कांग्रेस अंदरूनी खस्ता हालत पर तीखा हमला बोलते हुए पार्टी में उत्तर भारतीयों, मारवाड़ियों और गुजरातियों जैसे बहुत बड़े वर्ग की उपेक्षा से होनेवाले नुकसान की बात कही है। हाल ही में की गई नियुक्तियों पर राजपुरोहित ने कहा है कि मुंबई के सबसे बड़े वर्ग को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है, जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा फिर मुंबई में कांग्रेस को डूबने से कोई नहीं बचा सकेगा।
मुंबई कांग्रेस के एक दशक तक उपाध्यक्ष रहे भंवरसिंह राजपुरोहित ने कांग्रेस की वर्तमान हालत पर जारी अपने एक बयान में कहा है कि मुंबई कांग्रेस में नेतृत्व की बंदरबांट करते हुए उत्तर भारतीयों, मारवाड़ियों और गुजराती समाज जैसे बहुसंख्यक वर्ग को हर तरह से दरकिनार करने से वह बहुत अपमानित महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि कांग्रेस अपने सबको साथ लेकर चलने के सिद्दांत से भटक गई है, इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मुंबई के कांग्रेसियों में पंडितजी के नाम से सम्मान पानेवाले वरिष्ठ नेता राजपुरोहित ने आहत भाव से कहा कि जन्मजात कांग्रेसी होने का कारण उन्हें दुख है कि जिस मुंबई शहर में कांग्रेस का जन्म हुआ और जहां से देश भर में कांग्रेस के राज का डंका बजा, वहीं कांग्रेस विचित्र स्थिति में समाते हुए गर्त में जा रही है। पांच दशक से भी ज्यादा वक्त तक कांग्रेस में विभिन्न पदों पर काम करनेवाले वरिष्ठ नेता भंवरसिंह ने दुख व्यक्त किया कि यह बहुत खतरनाक संकेत हैं, फिर भी किसी को इस बात की चिंता नहीं है।
कांग्रेस में उत्तर भारतीयों, मारवाड़ियों और गुजराती समाज की अवहेलना पर राजपुरोहित ने कहा कि मुंबई के इस सबसे बड़े वर्ग की उपेक्षा कांग्रेस को बरबाद करने की कोशिश है, जिसे नेतृत्व को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं न तो किसी पद की रेस में था, न हूं और न ही मुझे किसी पद की लालसा है। लेकिन मुंबई के 50 फीसदी से भी ज्यादा मतदाता मतदाताओं वाले उत्तर भारतीय, मारवाड़ी और गुजराती समाज की बहुत बड़ी ताकत को दरकिनार करके कांग्रेस ने उनका अपमान किया है। जबकि कांग्रेस के लिए यह, हर वर्ग के लोगों को जोड़ने का और संगठन को मजबूत करने का अवसर है। क्योंकि मुंबई में जमीनी स्तर पर पार्टी का संगठन चरमरा चुका है। लेकिन कांग्रेस ने तो संगठन में बहुसंख्यक वर्ग को दरकिनार करके उसे दूसरी पार्टियों में जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है।
मुंबई महानगरपालिका के फरवरी 2020 में होनेवाले चुनावों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े कॉस्मोपॉलिटन शहर में किसी भी वर्ग या समाज की उपेक्षा कांग्रेस को बहुत भारी पड़ सकती है, लेकिन फिर कांग्रेस ने इस तथ्य की चिंता किए बिना उत्तर भारतीयों, मारवाड़ियों व गुजरातियों को दरकिनार किया है। ऐसे में, महानगरपालिका में कांग्रेस की वर्तमान सीटों पर भी फिर से जीत पाना संभव नहीं होगा। उन्होंने सरकार में बैठे मंत्रियों एवं नेतृत्व की कमजोरी को उठाते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार कांग्रेस की ताकत से ही बनी हुई है, लेकिन कार्यकर्ताओं को इस बात का कोई गर्व ही नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजपुरोहित ने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि कार्यकर्ताओं और नेताओं में प्रदेश में अपनी सरकार के होने का फील ने आने के पीछे की वास्तविक वजहें भी तलाशनी चाहिए।
कांग्रेस को होनेवाले संभावित भारी नुकसान की तरफ इंगित करते हुए मुंबई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवरसिंह राजपुरोहित ने कहा कि साफ दिख रहा है कि अब मुंबई में कांग्रेस को डूबने से कोई नहीं बचा सकता। कांग्रेस के लिए यह वक्त गलतियों से बचने का है, लेकिन संगठन में हर स्तर पर गलती और हर काम में बहुत देरी हो रही है। इस गलती का खामियाजा भी कांग्रेस को भुगतना होगा।