दुर्योधन-दुशासन तक की नहीं कलाई सूनी थी

—विनय कुमार विनायक
आज देश मेंएक बहन के नहीं होने पर,
लाखों भाईयों की कलाई सूनी रह जाती
आजगर्व नहींहमको अपनी परम्परा पर
जिसमें बहन की बहुतहोतीरहीख्याति!

भगवानरामको एक बहन शांता थी
आठ भाईयों के बाद भगवान कृष्ण की
एक प्यारी छोटीबहन सुभद्रा आई थी
द्रोपदी को भीकृष्णने बहन बनाई थी!

द्रोपदी ने कृष्ण की जख्मी कलाई में
अपनीदुपट्टा चीर कर एक परम्परा
रक्षाबंधन की फिर से याद दिलाईथी!

आज बहन के अस्तित्व पर शामत आई,
हर मां बहन नारीपहलेबेटीबनकेआती,
हरबेटी इसधरती पर खोजतीएक भाई,
हर भाई को चाहिए एक बहन अवश्य ही!

भारत मेंये कैसी परम्परा आन पड़ी है
कि आज एक पुत्र के आते ही सृष्टि पर
पुत्री निषेधवभ्रूणहत्या की बुराई आती!

अबभारतमेंपुत्री के जन्म पर कंश सा पहरा है,
अब एक पुत्र के बाद पुत्रीके नहींआने का कहर,
अब एक भाई के बाद बहनके नही आनेका डर
फैल चुका हैभारत के हर गांव-गांव व शहर-शहर,
अब तुम पुत्र मोहग्रस्त धृतराष्ट्र से हो गए बदतर!

धृतराष्ट्र ने भी सौ पुत्रों को एक बहन दी थी,
दुर्योधन दुशासन तक की नहीं कलाई सूनी थी!

पांच पांडवों ने रक्षासूत्र दुशल्ला से पहनी थी,
दुश्मन की बहन के सुहाग कोवीरपांडवों ने
जीवनदान दियाथा,उसी एकजीवन दान ने
पाण्डवके वंश मूलअभिमन्यु की जानली!

चाहे जो भी होपरम्परा मिटती नही हमारी,
हम परम्परा मेंजीनेवाले, हमें परम्परा प्यारी!

आज रक्षाबंधन पेप्रण लेते बिना बहन के,
किसी भाई की कभीना सूनी होगीकलाई,
बिना बहन बेटी की जगत की नहीं भलाई!
—विनय कुमार विनायक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress