
मिस्सी रोटी मक्खन वाली,छाछ मलाई चली गयी |
खाट खटोला पटरा पटरी,दरी चटाई चली गयी ||
भाई बहन की धमाचौकड़ी,मार पिटाई चली गयी |
ढोलक घुंघरू गीत ठठोली,रोती बिदाई चली गयी ||
इन्तजार इकरार लुकाछिपी,प्रेम पत्र लिखाई चली गयी |
सिर पर चुन्नी नीची नजरे,अब वे कहाँ ये चली गयी ||
कलम स्लेट पैन होल्डर,दवात स्याही अब चली गयी |
बुदका-तख्ती घोटा,कटकन्ने वाली तख्ती चली गयी ||
कलाकंद और बर्फी पैडा,घर की मिठाई अब चली गयी |
बेसन के छोटे लड्डू घर की जमी पंजीरी अब चली गयी ||
माँ पिताजी चाचा ताऊ और चाची ताई अब चली गयी |
मामा मामी बुआ भतीजी और फूफा फूफी चली गयी ||
बच्चो को डाट डपट और बडो की नसीहत चली गयी |
आसन पर बैठ कर खाना,पुरानी रस्म अब चली गयी ||
बच्चो की लुका छिपी और बडो की बैठक चली गयी |
आँख मिचोनी खो खो,और कबड्डी अब चली गयो ||
बड़ो की पुश्तैनी चीजे और फोटो दीवारों से उतर गयी |
आज के नये फैशन में पुरानी चीजे भी बेकार हो गयी ||
चूल्हे और कोयलो की अंगीठी पता नहीं कहाँ चली गयी |
साग की हंडिया और दही की मटकी अब कहाँ चली गयी ||
पीढियों से दुःख दर्द की साथी पुरानी रिश्तेदारी चली गयी |
मिट चुका है सब कुछ, अब तो पुरानी यादे ही रह गयी ||
आर के रस्तोगी