9 अगस्त सन 42 को,क्रांतिकारियों ने बिगुल बजाया था |

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9 अगस्त सन 42 को,क्रांतिकारियों ने बिगुल बजाया था | 
“अंग्रेजो भारत छोडो” ये पूरे भारत में नारा लगाया था ||

आज नई परिस्थितयो में,एक नया नारा हमे लगाना है |
पाक,अधिकृत कश्मीर छोडो,ये उसको हमने जताना है ||

भले आज सुभाष गाँधी नहीं,नये सुभाष गाँधी बनाना है |
पाक के नापाक पंजो से,अब पूरा कश्मीर हमे छुडाना है ||

वैसे तो पाक बौखलाया है,हाथ में कटोरा लिया हुआ है |
अब चढ़ाई कर दो उस पर,चारो तरफ से घिरा हुआ है || 

क्रांति दिवस के मौके पर,लाल चौक पर तिरंगा फहरेगा |
जो करेगा आना कानी, अब उसका सिर नही ठहरेगा ||

नई क्रान्ति होगी कश्मीर में,सबका विकास अब होगा |
सत्तर साल से जो पिछड़ा था,अब सबसे आगे होगा ||

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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