आ गया पाक बिकने के कगार पर
भैसे बेच रहा है वह नीलाम करा कर
जैस करनी वैसे भरनी ऐ इन्सान समझ ले
अजहर भी आ गया है अब मौत के कगार पर
लद चुका है दब चूका है पाक दुनिया के कर्ज से 
कटोरा हाथ में आ गया भीख मांगने के कगार पर
घर में नही दाने,अम्मा चली भुनाने पाक में
इमरान आ चूका है ख्याली पुलाव पर
न सूत न कपास जुलाहे से लठम लठा
पाक डरा है हमे एटम बम दिखा कर
आर के रस्तोगी
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