
श्रीमती सुषमा स्वराज जी की पुण्य-स्मृति में
सादर समर्पित श्रद्धासुमन—
ॐ
मुग्ध करती हमें प्रतिपल,सौम्य सी मुस्कान।
वैदुष्य की थीं नित्य ही वे,अप्रतिम उपमान।।
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गरिमामयी, महिमामयी, स्नेह की प्रतिमूर्ति।
विश्व में सर्वत्र फैली, है तुम्हारी सुकीर्ति ।।
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भारतीय-नारी की थीं, आदर्श सी प्रतिमान।
तुमने दिलाया जगत में,निज देश को सम्मान।।
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वक्तृत्व का तुमको मिला था दिव्य सा वरदान।
पर नहीं तुमने किया,पल भर को भी अभिमान।।
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देश के उत्कर्ष की थीं, तुम सुदृढ़ स्तम्भ।
और संकट में रहीं जन की, सबल अवलम्ब।।
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देशहित में किया तुमने,तनतथा मन का समर्पण।
पुण्य-स्मृति में तुम्हें है, श्रद्धा-सुमनों का अर्पण।।
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गयीं अचानक असमय में,
जन जन को रुला गयीं ।
आज छोड़ इस लोक को,
क्यों परलोकसिधार गयीं?
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जाओ सुषमा याद करेंगे,
ये कृतज्ञ भारतवासी।
यशोगान भी करेंगे मिलकर,
आभारी सभी प्रवासी।।
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– शकुन्तला बहादुर
कैलिफ़ोर्निया