श्रद्धांजलि !!

श्रीमती सुषमा स्वराज जी की पुण्य-स्मृति में
सादर समर्पित श्रद्धासुमन—

मुग्ध करती हमें प्रतिपल,सौम्य सी मुस्कान।
वैदुष्य की थीं नित्य ही वे,अप्रतिम उपमान।।
*
गरिमामयी, महिमामयी, स्नेह की प्रतिमूर्ति।
विश्व में सर्वत्र फैली, है तुम्हारी सुकीर्ति ।।
*
भारतीय-नारी की थीं, आदर्श सी प्रतिमान।
तुमने दिलाया जगत में,निज देश को सम्मान।।
*
वक्तृत्व का तुमको मिला था दिव्य सा वरदान।
पर नहीं तुमने किया,पल भर को भी अभिमान।।
*
देश के उत्कर्ष की थीं, तुम सुदृढ़ स्तम्भ।
और संकट में रहीं जन की, सबल अवलम्ब।।
*
देशहित में किया तुमने,तनतथा मन का समर्पण।
पुण्य-स्मृति में तुम्हें है, श्रद्धा-सुमनों का अर्पण।।
*
गयीं अचानक असमय में,
जन जन को रुला गयीं ।
आज छोड़ इस लोक को,
क्यों परलोकसिधार गयीं?
*
जाओ सुषमा याद करेंगे,
ये कृतज्ञ भारतवासी।
यशोगान भी करेंगे मिलकर,
आभारी सभी प्रवासी।।
*
– शकुन्तला बहादुर
कैलिफ़ोर्निया

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शकुन्तला बहादुर
भारत में उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मी शकुन्तला बहादुर लखनऊ विश्वविद्यालय तथा उसके महिला परास्नातक महाविद्यालय में ३७वर्षों तक संस्कृतप्रवक्ता,विभागाध्यक्षा रहकर प्राचार्या पद से अवकाशप्राप्त । इसी बीच जर्मनी के ट्यूबिंगेन विश्वविद्यालय में जर्मन एकेडेमिक एक्सचेंज सर्विस की फ़ेलोशिप पर जर्मनी में दो वर्षों तक शोधकार्य एवं वहीं हिन्दी,संस्कृत का शिक्षण भी। यूरोप एवं अमेरिका की साहित्यिक गोष्ठियों में प्रतिभागिता । अभी तक दो काव्य कृतियाँ, तीन गद्य की( ललित निबन्ध, संस्मरण)पुस्तकें प्रकाशित। भारत एवं अमेरिका की विभिन्न पत्रिकाओं में कविताएँ एवं लेख प्रकाशित । दोनों देशों की प्रमुख हिन्दी एवं संस्कृत की संस्थाओं से सम्बद्ध । सम्प्रति विगत १८ वर्षों से कैलिफ़ोर्निया में निवास ।

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