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आज रिश्ते खिलौने हुऐ है,
और इसके बाजार लगते है
पैसे वाले इसके व्यापारी,
और हम खरीदार लगते है।
पैसा पैसे का रिश्तेदार लगता है
पैसे से चाचा चाची ,मामा मामी,
नाना नानी , मौसा मौसी
आज पैसा पैसे का प्यार लगता है।
आज रिश्ते खिलौने हुऐ है,
और इसके बाजार लगते है
पैसो से रिश्तों की रेलगाडी,
पैसो से रिश्तों की सवारी
आज पैसे वाले होशियार लगते है
आज रिष्ते मिलना चमत्कार लगते है।
आज रिश्ते खिलौने हुऐ है,
और इसके बाजार लगते है।
राकेष कुमार पटेल
परिचय-ंउचय छत्तीसग-सजय के शासकीय संत गहिरा गुरू रामेष्वर काॅलेज में एम. एस.सी
प्राणीषास्त्र द्वितीय वर्श का छात्र