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क्यो समझते लड़की है पराया धन
और लड़का है अपने घर का धन,
जबकि दोनो ही लेते है एक कोख से जन्म।
दोनो की एक धरती,दोनो का एक गगन,
दोनो का एक माली,दोनो का एक चमन।
दोनो का एक घर है,दोनो का एक आंगन,
फिर भी कहते है लड़की है पराया धन।
और लड़का है अपने ही घर का धन।।
दोनो के प्रसव में मां सहती है एक सी पीड़ा,
दोनो के जन्म में होती है एक सी ही क्रीड़ा।
दोनो के जन्म देने में दुख होता है सहन,
फिर भी कहते है लड़की है पराया धन।
और लड़का होता है अपने घर का धन।।
आर के रस्तोगी