कविता साहित्‍य

कविता : पंख फैलाकर वो उड़ गया…..!!

mens108आसमान से एक पक्षी गिरा,

फिर शुरू हुआ उसके जीवन का सिलसिला

जब-जब वो उड़ना चाहे,

तब-तब वो नीचे गिर जाए

जब-जब उसने पंख फैलाए

तब-तब उसके दर्द उभर आये,

उसके थे बस इतने अरमान,

वो बने सबके दिल का मेहमान,

उसकी नहीं टूटी आस,

उसको था खुद पर विश्‍वास,

उसका विश्‍वास हिम्‍मत बन गया,

पंख फैलाकर वो उड़ गया…..!!!!!!!!!!!

-शालिनी अग्रहरि