दोहे साहित्‍य

प्रश्न अनूठा सामने

questionप्रश्न अनूठा सामने, क्या अपनी पहचान?

छुपे हुए संघर्ष में, सारे प्रश्न-निदान।।

 

कई समस्या सामने, कारण जाने कौन?

मिला न कारण आजतक, समाधान है मौन।।

 

बीज बनाये पेड़ को, पेड़ बनाये बीज।

परिवर्तन होता सतत, बदलेगी हर चीज।।

 

बारिश चाहे लाख हों, याद नहीं धुल पाय।

याद करें जब याद को, दर्द बढ़ाती जाय।।

 

सुख दुख दोनों में मजा, जो लेते हैं स्वाद।

डरना नहीं विवाद से, जीवन एक विवाद।।

 

आये कितने रूप में, भारत में भगवान।

नेता जो इन्सान है, रहते ईश समान।।

 

प्यार बसा संसार में, सांसारिक है प्यार।

बदल गया कुछ प्यार यूँ, सुमन करे व्यापार।।