धर्म नहीं पूजा नमाज धर्म है मानवतावाद

—विनय कुमार विनायक
उठो हिन्दुओं शास्त्र के साथ शस्त्र उठाओ,
कृष्ण ने कहा है शस्त्रधारियों में मैं राम हूं,
रहस्य को समझो देव देवियों से प्रेरणा लो,
शर में बसती शक्ति व सद्ज्ञान में भक्ति,
शक्ति छोड़ भक्ति करना गुलाम की प्रवृत्ति!

बुद्ध की करुणा जिन की अहिंसा ने छीनी,
सनातन धर्म की शक्ति उपासना की रीति,
धर्म युद्ध को बुद्ध ने कहा पाशविक वृत्ति,
जबकि राम का शर कृष्ण का चक्र सुदर्शन,
भारत की सांस्कृतिक पहचान रही विरासती!

धम्म में धमक नहीं धर्म का मूल है शक्ति,
धर्म की शक्ति को परखे गुरु गोबिंद सिंह ने,
गुरु गोबिंदसिंह पक्के अनुयायी राम-कृष्ण के,
ऋषि-मुनि-श्रुति-स्मृति वैदिक सनातन धर्म के,
सच्चे वारिस हैं दशमेश गुरु गोबिंद सिंह जी!

मुट्ठीभर सिख सिंहों में अजब की देशभक्ति,
गजब की एकता,भय से नहीं झुकते कभी भी,
दोस्त से दोस्ती व गद्दार से निभाते दुश्मनी,
जरा याद करें दिनकर की उक्ति क्षमा शोभती
उस भुजंग को जिसके पास गरल हो बल हो!

भारत के लिए घातक है गांधीवाद की प्रीति,
एक गाल में थप्पड़ खा दूजे गाल को सहला,
भारत के लिए गीत-गजल नहीं गीता नियति,
भारत के लिए जरूरी है विदूर चाणक्य नीति,
भारत पुत्रो त्याग दो शिक्षा नीति मैकाले की!

पढ़ना होगा साथ साथ वेद पुराण कृपाण को,
धर्म अध्यात्म इतिहास तकनीकी विज्ञान को,
छोड़ दो जातिवाद, छद्म धर्म निरपेक्षता को,
धर्म नहीं है पूजा-नमाज, धर्म है मानवतावाद,
ईश्वर अल्लाह खुदा होते खुद मिटने के बाद!
—विनय कुमार विनायक
दुमका, झारखंड-814101.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,871 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress