प्रवक्ता न्यूज़

भोले शंकर भजन

तर्ज : कव्वाली

दोहा: श्रावण मॉस में भोले का हो अध्भुत श्रृंगार,

शिवलिंगों पर चढ़े है गंगा जल की धार।

मु: तेरे दर पर हम आ कर भोले शंकर -२

तेरा गुणगान गाते रहेंगे,-२

जब तक तुम नहीं रीझोगे हम पर, -2

तेरा ध्यान लगते रहेंगे। -२

अ १: विपदा कब तक न हरोगे हमारी -२

हम तो आ गए हैं शरण में तुम्हारी। -2

मि: तेरे दर्शन की इच्छा को लेकर,-2

अब तुमको मानते रहेंगे -२

तेरे दर पर हम आ कर भोले शंकर-2

अ २: सुर असुरों ने तुमको था मनाया -२

तुम से मन वांछित वरदान था पाया। -2

मि: क्षमा कर दो अब अवगुण हमारे। -2

गंगा जल नित्य चढ़ाते रहेंगे। -२

तेरे दर पर हम आ कर भोले शंकर-2

अ ३: तुम तो कहलाते हो औगढ़ दानी -२

संग रहती हैं तुम्हारे भवानी। -2

मि: गौरी शंकर के चरणों में अपना,-2

नित दिन शीश झुकाते रहेंगे। -२

तेरे दर पर हम आ कर भोले शंकर-2

अ ४: नन्दो भैया हैं ध्यान लगाएं -२

राकेश भजनो से तुमको मनाएं। -2

मि: अब आ करके दर्शन दिखा दो,-2

तेरी कृपा हम पा कर रहेंगे। -२

तेरे दर पर हम आ कर भोले शंकर-2