फोटोग्राफर शिवानी पांडेय की छायाचित्रों की चार दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन संपन्‍न

लाइफ…. सा रे गा मा पा… छायाचित्र प्रदर्शनी और कलाकारों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने और उनकी कला को संरक्षित करने वाली वेबसाइट www.kalalok.com का उदघाटन संपन्न.

DSC_1459ट्रैवेल राइटर और फोटोग्राफर शिवानी पांडेय की छायाचित्रों की चार दिवसीय प्रदर्शनी लाइफ ….. सा रे गा मा पा का उद्घाटन भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त प्रसाद कारियावासम और एनडीटीवी के कार्यकारी संपादक रवीश कुमार ने किया. इंडिया हैबिटेट सेंटर के पामकोर्ट में आयोजित यह प्रदर्शनी 19 नवंबर तक चलेगी. इस अवसर पर देश के सुदूर हिस्सों में काम करने वाले शिल्पकारों और कलाकारों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर लाने और उनकी कला को संरक्षित करने के लिए वाली वेबसाइट Kalalok.com को भी लांच किया गया.

प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त प्रसाद करियावासन ने कहा कि शिवानी के छायाचित्रों में भारत के जीवन दर्शन की झलक मिलती है. शिवानी के कैनवास फोटोग्राफ कला और छायाचित्रों का सुंदर मेल है. जबकि एनडीटीवी इंडिया के कार्यकारी संपादक रवीश कुमार ने www.kalalok.com के जरिए शिवानी के सूदुर भारत के शिल्पकारों और कलाकारों की शिल्प और कला को संरक्षित करने और उन्हें बाजार मुहैया कराने के पहल की प्रशंसा की और कहा कि यह प्रयास भले ही छोटा लग रहा हो, लेकिन इसके परिणाम देश को प्रभावित करेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने अपने गांवों में इस बात को महसूस किया है कि रोजगार के अभाव में शिल्पकार अपने पारंपरिक कार्यों को छोड़ कर रोजी रोटी की तलाश में शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

शिवानी पांडेय के छायाचित्रों की प्रदर्शनी लाइफ…. सा रे गा मा पा बीती गर्मियों में अमेरिका में भी आयोजित की जा चुकी है. दिल्ली की रहने वाली शिवानी ट्रेवेल राइटर और फोटोग्राफर हैं और कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और एजेंसियों के लिए काम करती है. लेकिन उनकी दिलचस्पी भारत के ग्रामीण समाज और खासकर आदिवासियों में है. राजस्थान से लेकर गुजरात और मध्य प्रदेश से लेकर अंडमान निकोबार तक के आदिवासियों की हजारों तस्वीरें उनके कैमरे में कैद हैं. प्रकृति से भी उनका गहरा लगाव है. लिहाजा उनके कैमरे फूल और पक्षियों के भी दीवाने हैं. एक रचनाकार की संवेदनशीलता भी उनके चित्रों में दिखाई देती है. सामाजिक बुराइयों को भी अपने कैमरे में कैद कर लेती हैं. बच्चों और खासकर बाल मजदूरों पर शिवानी ने बेहतरीन काम किया है. उनके छायाचित्रों में फूलों के निखार, पहाड़ी वादियों का सौंदर्य और यात्रा का रोमांच भी दिखता है.

वहीं Kalalok.com एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जो देश के सुदूर क्षेत्रों में कला को समृद्ध करने वाले शिल्पकारों और कलाकारों की कृतियों को अपनी वेबसाइट पर फोटो, वीडियो और आलेख के माध्यम से दुनिया से रू-बरू कराती है. इससे उनके कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न केवल पहचान मिलेगी बल्कि उन्हें विशाल बाजार भी महैया होगा.

शिवानी पांडेय अंतरराष्ट्रीय स्तर की फोटोग्राफर व लेखक हैं,जिनकी कृतियां कई अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है. वह कई अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसियों के साथ मिल कर महिलाओं और बाल विकास से संबंधित कार्य भी कर रही है. शिवानी ने वैसे तो प्रबंधन की पढ़ाई की है. लेकिन फोटोग्राफी और कला प्रति लगाव ने उन्हें फोटोग्राफर और ट्रैवेल राइटर बना दिया.

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