तो समझो प्यार है

कोई आपकी
हर अदा का दीवाना हो,
किसी की नजरों में
आपके लिए चाहत हो,
आपको देखकर किसी के
होठों पर मुस्कुराहट आ जाए..
तो समझो प्यार है।

आपकी एक आवाज पर
दौड़ कर आये,
आपकी कहने से पहले
हर एक चीज ले आये,
आपकी आगे पीछे
निरंतर मंडराये,
महकते मौसम महकती फिजा
महकती अमराई में
आप को लेकर जाये,
तो समझो प्यार है।

जो तुम्हें अच्छा लगे
वही बातें करें
प्यार से दिल और जान की धड़कन
आपके लिए चुनता रहे,
धूप में निकलो अगर
आपके लिए छाँव बन जाए,
भरे बरसात के मौसम
छतरी तान साथ में चला करे ..
तो समझो प्यार है।

जो आपको देखे तो
आँखों में सपने पलने लगे
जो आपको छुए तो
अरमान मचलने लगे
प्यार के रिश्तो से अगर
आपका दामन भर हो तो
हमसफर आपका अगर
हर पल आपका साथ देता हो
तो समझो प्यार है।

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राकेश कुमार सिंह
जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 15 फरवरी सन 1965 को हुआ। शिक्षा स्नातक पेशे से सिक्योरिटी ऑफिसर वाईएमसीए नई दिल्ली में कार्यरत शौकिया लेखन क्रॉउन पब्लिकेशन के द्वारा काव्य संकलन *'यादें'* इपीफैनी पब्लिकेशन के द्वारा काव्य संग्रह *तुम्हारे बिना* और स्ट्रिंग पब्लिकेशन के द्वारा *सीपियाँ*और *काव्यमंजरी* प्रकाशित। (काव्य संकलन 120 सर्वश्रेष्ठ कविताएं *दिव्या* और 200 सर्वश्रेष्ठ शायरियां साझा संकलन में सहभागिता ऑनलाइन पत्रिकाओं जैसे प्रवक्ता.कॉम, अमर उजाला.कॉम, रिटको.कॉम, योर कोटस.कॉम पर हजारों रचनाएं प्रकाशित।

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