‘प्रवक्‍ता डॉट कॉम’ के दो वर्ष पूरे होने पर विशेष

प्रिय पाठकों,

नमस्‍कार।

आप जानते होंगे कि ‘प्रवक्‍ता डॉट कॉम’ की शुरूआत 16 अक्‍टूबर, 2008 को हुई थी। इसलिए यह हम सबके लिए हर्ष की बात है कि आज ‘प्रवक्‍ता डॉट कॉम’ के दो साल पूरे हो गए। तब से लेकर अब तक न केवल इसकी निरंतरता हमलोगों ने कायम रखी बल्कि गुणवत्ता के स्तर पर भी विशेष ध्‍यान दिया। हम लोगों ने यही सोच कर ‘प्रवक्‍ता’ शुरू किया था कि मुख्यधारा के मीडिया से ओझल हो रहे जनसरोकारों से जुड़ी खबरों व मुद्दों को प्रमुखता से प्रकाशित करें और उस पर गंभीर विमर्श हो। साथ ही एक अरब से अधिक की जनसंख्या वाले देश की राष्ट्रभाषा हिंदी को इंटरनेट पर प्रभावी सम्मान दिलाने के लिए सार्थक प्रयास हो। हमने इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास किया, इसलिए महज दो साल की अवधि में ही प्रवक्‍ता वेब पत्रकारिता का चर्चित मंच व वैकल्पिक मीडिया का प्रखर प्रतिनिधि बन गया है। भाषा, विषयवस्तु और विविधता की दृष्टि से इसने वेब पत्रकारिता की दुनिया में प्रमुख स्थान बना लिया है।

आपको यह भी विदित होगा कि पिछले दिनों ‘प्रवक्‍ता’ को एलेक्‍सा सुपरहिट एक लाख वेबसाइट्स में शामिल होने का गौरव प्राप्‍त हुआ। गौरतलब है कि हिंदी की कुछ ही वेबसाइट एलेक्‍सा एक लाख क्‍लब में शामिल है। यहां हम पाठकों को बता दें कि ‘प्रवक्‍ता’ को एक महीने में लगभग 4 लाख हिट्स मिल रही हैं। इस वेबसाइट पर राजनीति, अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, मीडिया, पर्यावरण, स्वास्थ्य, साहित्य, कला-संस्कृति, विश्ववार्ता, खेल से संबंधित 2500 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। 200 से भी अधिक लेखक हमसे जुड चुके हैं। दर्जनों समाचार-पत्रों में ‘प्रवक्ता’ के लेखों की चर्चा  हो चुकी है।

प्रवक्‍ता डॉट कॉम के इस मुकाम पर पहुंचने में जिनका सर्वाधिक योगदान रहा है, वे हैं इसके प्रबंधक श्री भारत भूषण एवं तकनीकी प्रमुख श्री चन्‍द्र भूषण। जब-जब प्रवक्‍ता के लिए आर्थिक जरूरत हुई या‍ फिर तकनीकी संसाधन की, आप दोनों सहर्ष इसे पूरा करने में जुट गए, मैं इन दोनों महानुभावों के प्रति हार्दिक आभार व्‍यक्‍त करता हूं। इसके साथ ही मैं प्रवक्‍ता के सुधी पाठकों एवं विद्वान लेखकों के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं कि वे वैकल्पिक मीडिया को साकार करने में हमारे हमसफर बने। ‘प्रवक्‍ता’ जब एलेक्‍सा एक लाख क्‍लब में शामिल हुआ, तभी से अनेक मित्रों ने कहना शुरू किया कि इसकी विकास-यात्रा पर आपको कुछ लिखना चाहिए। पिछले दिनों टीवी पत्रकार विकास कौशिक मिले और उन्‍होंने इसी संबंध में एक टीवी स्‍टूडियो में हमसे लंबी चर्चा कर ली। ‘प्रवक्‍ता’ कैसे शुरू हुआ, कैसे आगे बढ़ा, क्‍या-क्‍या दिक्‍कतें आयीं और वेब पत्रकारिता के बारे में मेरी जो समझ बनी थी इस बारे में मैंने उन्‍हें बताया। आज प्रवक्‍ता पर हम इस विशेष वार्ता को भी प्रकाशित कर रहे हैं। आशा है हमेशा की तरह सुधी पाठकों  का सहयोग व स्‍नेह हमें मिलता रहेगा।

आपका,

संजीव सिन्‍हा

संपादक, प्रवक्‍ता डॉट कॉम

112 COMMENTS

  1. आदरणीय सिन्हा JI,प्रवक्ता ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है- मेरी बधाई और शुभकामनाएँ ।

    अप्प EK POLTICAL PARTY बने JISME इसे पेरसोंस हो जो बिना लालच KE KAM करे, अप्प मुझे आदेश दी , MAI APKO पेर्सोनाल्ली कुछ SUJAV DENA चाहता HU ताकि इन नेताओ KI NAKEL KASI JA SAKE……………

    AWAITING फॉर उ TO HEAR ME……………

  2. प्रिय SINHA जी,
    JAI भारत !

    MUJE अभी हफ्ता BHAR ही हुआ है अप्प के बारे मालूम हुआ, अप्प बहुत अच्छा कर रहे है, अच्छा SOCH रहे है, अच्छा लिख रहे है !

    SHREE KRISHAN जी साईं प्राथना है KI अप्प बहुत ACHA करे !

    आपका………
    AJAY AGGARWAL

  3. “हम लोगों ने यही सोच कर ‘प्रवक्‍ता’ शुरू किया था कि मुख्यधारा के मीडिया से ओझल हो रहे जनसरोकारों से जुड़ी खबरों व मुद्दों को प्रमुखता से प्रकाशित करें और उस पर गंभीर विमर्श हो।”प्रवक्ता परिवार का यह निर्णय प्रशंसनीय है. विशेषतया इस लिए की राष्ट्रीय मीडिया पर दो चार अपवाद स्वरुप पत्र पत्रिकाओं को छोड़ कर लगभग सभी पर राष्ट्रीयता विरोधी लोगों का अधिकार है तथा वे अपना दुष्प्रचार निरंतर बेखटके करते रहते हैं. बहुत हर्ष का विषय है की प्रवक्ता ने इतने थोडे समय में इतनी लोकप्रियता अर्जित कर ली .आप सब को हार्दिक शुभ कामनाएं.
    प्रवक्ता.कॉम से मेरा परिचय हुए एक साल भी नहीं हुआ.इसी बीच में मैं प्रवक्ता का नियमित पाठक बन गया हूँ और यदा कदा विवश होने पर टिपण्णी भी कर देता हूँ.
    यदि इसे आप मेरी अनाधिकार चेष्टा न समझें तो मैं निवेदन करना चाहूँगा की प्रवक्ता को अपने घोषित उद्देश्यों से हट कर राष्ट्रीयता विरोधी प्रचार का माध्यम बनाये जाने से सतर्क रहना होगा. सेकुलरिस्टों,मिशनरिओन जिहादिओं वाम्पन्थिओन और माकाले-मानसपुत्रों के अनेक प्रचार माध्यम हमारे देश में पहले से ही अपना अपना काम कर रहे हैं.कम से कम प्रवक्ता को राष्ट्रीय विचारों की अभिव्यक्ति तथा महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रश्नों पर गंभीर चर्चा का मंच बना रहना चाहिए.
    मैं देखता हूँ की प्रवक्ता पर सब से अधिक लेख जगदीश्वर चतुर्वेदीजी के छपते हैं केवल अक्तूबर के महीने में ही चतुर्वेदीजी के ४२ लेख छप चुके हैं जिनका लक्ष्य केवल वामपंथी विचारधारा को जनता के सामने रखना है. मैं यह नहीं चाहता की ऐसे लेखकों का सर्वथा बहिष्कार किया जाये पर ऐसे लेखकों को अनुचित प्रोत्साहन तो कदाचित नहीं मिलना चाहिए. सप्ताह में एक दो लेख छापें तो ठीक है पर हर अंक में दो तीन लेख छापना मेरे विचार से उचित नहीं है. वे अपना प्रचार पार्टी की पत्रिकाओं के माध्यम से करते रहें जिसकी उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता है.

  4. प्रवक्ता डॉट कॉम ने बड़े ही बेबाकी , सही खबरें पाठकों तक पहुंचाई है…जो कि काबिले तारीफ है।
    दो साल पूरा करने पर बहुत- बहुत बधाई।

  5. pravakta.कॉम की पूरी टीम को हार्दिक शुब्कम्निये २ साल पुरे होने पर. आशा करते हेई की येई वेबसाइट और उचैया देखे आने वाले दिनों में

  6. Sanjeev ji, Aapko Pravkata website ke Kayamabi ke 2 year pure hone par bahut bahut Badhai. Mukesh Goel, Editor Computer Technology, Sirsa Haryana

  7. प्रवक्ता प्रवक्ता ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है- मेरी बधाई और शुभकामनाएँ ।

  8. संजीव कुमार जी प्रवक्ता डोट कॉम ने अपने लक्ष्य को सफलता पूर्वक पूरा किया है ,आप को हार्दिक शुभ कामनाएं

  9. संजीव जी ,प्रवक्ता डोट कॉम अपने लक्ष्य में सफल रहा है और आप को इस के लिए हार्दिक बधाई .

  10. आदरणीय संजीव जी,मूल ई-मेल एड्रेस को इस ई-मेल पर डायवर्ट करने के कारण आपका मेल समय पर नहीं पढ़ पाया। क्षमाप्रार्थी हूं।
    मुझे यह स्वीकारने में संकोच नहीं कि प्रवक्ता ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है-हिंदी और विचार-दोनों का आगे बढ़ाने में। मेरी बधाई और शुभकामनाएँ स्वीकार कीजिए।
    सहयोग जारी रहेगा।
    सादर
    -कुमार राधारमण

  11. हालाँकि हम हिंदी मैं लिखने की हर वक़्त कोशिश कर रहे हैं पर प्रवक्ता .कॉम और उसकी पूरी टीम ने हम सब हिंदी और गेर हिंदी भाषियों को आपनी भावनाओ को व्यक्त करने का पुरा मौका दिया है, दो वर्ष पूरे होने पर कोटि कोटि धन्यवाद.
    अनिल कुमार रेजा, मुंबई

  12. संजीव जी, नमस्कार,
    सफलता के लिए शुभकामना
    संजय कुमार
    समाचार संपादक
    आकशवाणी, पटना

  13. प्रवक्ता डॉट कॉम के दो साल पुरे होने पर ऋषभ मकवाना और पुरे परिवार की ओर से आप को हार्दिक अभिनंदन और शुभकामनाएँ

  14. अनंत शुभकामनाएं और बधाइयाँ.
    आप सबका सद्प्रयास सफलता पाए,यही मंगलकामना है.

  15. HON. RESPECTED SIR,

    NAMASKAR,

    AAPKA PRAVAKTA.COM BAHUT HI ACCHA AUR SUNDER PLATFORM HAI.

    AAPKO SUBHKAMNAYE,

    AMIT RAJPUT
    EX. VICE PRESIDENT
    BJYM_RAKHIYAL WARD
    AHMEDABAD
    GUJARAT

  16. प्रवक्ता डॉट कॉम के दो वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें

  17. प्रवक्ता डॉट कॉम के दो वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें !

  18. आदरणीय संपादकजी,
    सादर प्रणाम।
    आपकी वेबसाइट को पिछले दो वर्षों से पढ़ रहा हूं, सारे लेख बहुत अच्‍छ होते हैं। प्रवक्ता डॉट कॉम के दो वर्ष पूरे होने पर हमारी तरफ से आपको हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें। आशा है आप आगे भी इसी तरह हिंदी में ज्ञानवर्धक सामग्री उपलब्‍ध कराते रहेंगे।

    आपका,
    ई.मुन्ना रजक

  19. प्रिय बंधू !
    प्रवक्ता.कॉम २ वर्ष पूर्ण होन, पर आपको और सभी सहयागिओं को shubhkamnayan .

  20. वास्तव में कागज़ की कस्ती या यूं कहें कि पराने की बोर्ड के पतवार के सहारे समंदर को पार करने का दुस्साहस भरा प्रयास ही था प्रवक्ता. लेकिन एक कुशल खेबैया साबित हुए संजीव बाबू….सो उनको बहुत-बहुत बधाई. बस इस प्रकल्प को कहियो मजधार में नै छोड़ दें यही कामना…..शुभकामना.

  21. दो वर्ष पूरे होने के सुभ अवसर पर हार्दिक बधाई
    आर.के.पालीवाल

  22. प्रवक्ता.कॉम और इसके सम्पादक, लेखको व इसके पाठकों को बहुत बहुत बधाई और धन्यवाद जो इन्होने हमारे लिए ऐसा शानदार मंच तैयार किया|

  23. हार्दिक शुभकामनाएं. देश के पुनर्जागरण में एक कीर्तिमान बनाने की ‘प्रवक्ता.कम’ की मुझे पूर्ण संभावना नज़र आ रही है. ईश्वर करे की ऐसा ही हो !

  24. सर्वप्रथम प्रवक्ता की टीम को बहुत-बहुत बधाई। मुझे भी प्रवक्ता के दो वर्ष सफलता पूर्वक पूर्ण करने पर उतनी ही प्रसन्नता है जितनी की प्रवक्ता टीम को होगी। वास्तव में यह एक बेहतर मंच है।

  25. प्रवक्ता डॉट कॉम के दो वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें !

  26. respected sinha jee

    many many congratulations to complete two years of pravakta.com and
    your sincere efforts to provide us to write our free and fair thoughts
    and sharing of ideas
    thanks
    regards
    anil reja, mumbai

  27. सिन्हा जी,
    हमारी शुभकामनाएं आपके और आपकी पत्रिका के लिए
    यह कहते हुए हमें बहुत आनंद हो रहा हैं कि आपने अपने स्वप्नों को पंख लगा डाले ..
    आप अपने जीवन में और कामयाब हो..

  28. संजीव जी,
    जो सफ़र आपने अब तक तय किया है उसकी लंबाई भले ही कम हो लेकिन यह आपके लिए आसन कतई नहीं रहा होगा. वेब पत्रकारिता में आपने जो नई शुरुआत की है उसकी तारीफ जरूर की जनि चाहिए.

  29. प्रवक्‍ता डॉट कॉम को शानदार दो वर्ष पूर्ण करने की बधाई।
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

  30. प्रवक्ता डॉट कॉम के दो वर्ष पूरे होने पर
    हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें !

  31. संजीव जी नमस्कार

    प्रवक्ता डाट कम को दो साल पूरे होने पर आपको तथा आपकी टीम को हार्दिक अभिनंदन । आपका साक्षात्कार भी बढिया है । इसके लिए विकास जी को भी हार्दिक अभिनंदन ।

  32. प्रवक्ता के सफलता पूर्वक दो वर्ष पूरे होने पर प्रवक्ता परिवार के सभी सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं | जैसा की मालूम होना चाहिए कि किसी भी संस्थान का स्थापना करना आसान सा कला है किन्तु उसका परिचालन करना काफी कठिन है | संचालन और परिचालन के लिए कई समस्याएँ मुह बाएं कर खड़ी रहती हैं , संस्थान के अन्दर और बाहर कई प्रकार के सुस्वादु और वेस्वादू आलोचना सुनने को मिलता है , लेकिन इन सबों को दरकिनार कर जिस प्रकार आप सबों ने अपने संकल्प यात्रा ‘ प्रवक्ता ” का दो वर्ष पूरा किया , वह अपने आप में एक कठिन उपलब्धि है | आशा है कि , प्रवक्ता नित्य नई बुलंदिओं को छुएं और एक इतिहास लिखने का प्रयास करें |

  33. प्रवक्ता को दो साल पुरे करने पर अनंत शुभकामनाये. आपके इस अछे प्रयास के लिए साधुवाद ..

  34. दशहरे,दिवाली व आपकी सफलताओं के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं !

  35. संजीव जी राजस्थान से डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ की भी शुभकामनाएँ.
    आशा है की आने वाले समय में टिप्पणियों को संपदित करते समय विशेष ध्यान दिया जायेगा. विशेषकर आर एस एस से जुड़े पाठकों की धमकियों को पढ़ लिया करें तो प्रवक्ता का सम्मान ही बढेगा.
    योग्य सेवा बताएं.

  36. संजीव जी
    बहुत बहुत शुभकामनाये, प्रवक्ता डोट कॉम को दो वर्ष पूर्ण करने के लिए, आपके द्वारा किया गया प्रयास, लोगो को जागरूकता प्रदान करेगा एवं समाज की समस्यों को लोगो के सामने लायेगा, मै परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करूंगा की दिन दुगनी रात चुअगिनी तरकी करे!
    साथ में विजयादशमी की अनन्त शुभकामनायें.

  37. इश्वर करे आप इसी प्रकार हमें ज्ञान वर्धकलेख उपलब्ध करवाते रहे
    आपको विजयदशमी पर शुभ कामनाएं

  38. कली बेच देंगे, चमन बेच देंगे, धरा बेच देंगे, गगन बेच देंगे.
    कलम के पुजारी अगर सो गए तो, धन के पुजारी वतन बेच देंगे.
    प्रवक्ता टीम, लेखकों एवं पाठको को हार्दिक शुभकामनाएं.

  39. Pravakta.com के दो वर्ष पुरे होने पर हार्दिक बधाई । Pravakta.com निरंतर नई ऊंचाइयों को छुए तथा बौद्धिक आंदोलन को शक्ति प्रदान करे – यही कामना है ।
    शुभकामनाओं सहित,

  40. संजीव जी,
    बहुत बहुत बधाई प्रवक्ता डोट कॉम के अत्यंत सफल दो वर्षों के लिए. आपका यह सद्प्रयास लोगों में नयी जागरूकता का कार्य कर रहा है.मेरी ईश्वरसे प्रार्थना कि प्रवक्ता डोट कॉम निरंतर प्रगति के सोपान चढ़ता रहे.

  41. धन्यवाद – अद्भूत पत्रकारिता के अनवरता की नई ऊंचाइयों पर भी सामान्य पाठकों को अपने विचार को रखने और प्रकाशित करने का अधिकार देने के लिये ।

    बधाई – किसी भी काम को करने में कितनी कठिनाई होती है ये करने वाला जानता है । आप आज जिस मुकाम पर इतने संघर्षों के बाद भी अडिग होकर 2 वर्षों से जमें हुए हैं उससे आप और आपके साथ जुडे हर सदस्य बधाई के पात्र हैं ।

    यह अविरल प्रवाह, मार्ग में आने वाले हर बांध को तोडते हुए सदैव आगे बढते रहे ।

    इन्ही शुभकामनाओं के साथ – डब्बू मिश्रा

  42. प्रिय संजीव भाई,
    नमस्कार।
    दौ वर्षों की सार्थक, सामाजिक सरोकार से जुड़ी यात्रा के लिए हार्दिक बधाई। प्रवक्ता सही मायने में जनगण का सशक्त प्रवक्ता बन कर उभरा है। इसने जो सत्य है, कल्याणकारी है उसे प्रोत्साहित किया इसके साथ ही जहां अनाचार है उस पर कड़ा प्रहार करने से भी प्रवक्ता नहीं चूका यह गणतंज्ञ का अतंद्र प्रहरी साबित हुआ। न देन्यम् न पलायनम् की प्रवक्ता की नीति इसे घुटनेटेकू और चरणवंदक पत्रकारिता से अलग करती है और यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता बै। प्रवक्ता यों ही अपना दायित्व निभाता रहे, सार्थक और यथार्थपरक पत्रकारिता को एकमंच देता रहे यही कामना है। -राजेश त्रिपाठी, कोलकाता

  43. संपादक महोदय के अथक प्रयास और पूरी प्रवक्ता टीम को बहुत बहुत बधाई.

    इतिहास, धर्म, राष्ट्र के बारे में ऐसे बहुत से लेख पढने को मिले जिन्हें १२ साल की स्कूल की पढाई, ३ वर्ष का स्नातक, २ वर्षीया स्नातकोत्तर छात्रों को भी नहीं मिल पाते है.

    एक बार फिर से प्रवक्ता परिवार और समस्त सम्मानित लेखकगन को बधाई.

  44. प्रवक्ता परिवार को मेरी ओर से बहुत बहुत बधाइयाँ. इसी तरह से कारवां बढ़ता चला जाये. यही कामना करता हूँ.
    देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर प्रवक्ता ने प्रहरी का काम किया है. प्रवक्ता सभी क्षेत्रों पर अपनी बेबाक टिपण्णी के कारण एक स्थापित सुचना केंद्र बन गई है. निस्संदेह अपने किस्म की यह एकलौती जानकारी का स्रोत है. प्रवक्ता.कॉम जानकारी का खजाना है. देश की समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने में प्रवक्ता का अतुलनीय योगदान है. अभी भी देश में राष्ट्रवादी मंच का सर्वथा आभाव है. इन अभावों के बीच प्रवक्ता देदीप्यमान है. भारत में सभी भाषाओं में राष्ट्रवादी पत्र उँगलियों में गिनने लायक हैं.

  45. Sanjeevji, Pravakta.com ke 2 Varsh pure hone par Badhai! Main Abhi Ashkabad, Turkmenistan men hun, Pichhale 26 ko Aai hun, Abhi set hone men kuchh samay lagega. Pravakta ke liye kuchh naya likha to jaroor bhejungi.
    Sudha Singh

  46. प्रिय संजीव जी और प्रवक्‍ता से संबद्ध अन्‍य बंधुओं,
    प्रवक्‍ता के दो वर्ष पूरे होने पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्‍वर से प्रार्थना है कि प्रवक्‍ता उत्‍तरोत्‍तर सफलता के मार्ग की ओर अग्रसर होता रहे।

  47. आपको बहुत बहुत बधाई – विचारोत्तेजक लेखमाला प्रकाशित करने में आपका श्रम प्रशंशनीय है – क्रपया निरंतर जारी रखिये –
    धन्यवाद

  48. प्रवक्ता के प्रवर्तक एवं प्रबुद्ध अभिव्यक्ति के प्रचारक सर्वश्री संजीव कुमार जी सिन्हा को वर्ष-द्वय की चामत्कारिक पूर्ति पर हार्दिक अभिनन्दन ।

  49. प्रिय भाई संजीव, अपने दो वर्ष की संघर्ष-यात्रा पूरी कर भरपूर उत्साह का परिचय दिया है. बस, देश के ऐसे समाज, समुदाय और सूडो-विचारकों के कभी प्रवक्ता न बनें जिससे देश के किसी भी समुदाय, जाति और धर्म के अनुयायियों को अघात पहुंचे. एक बहुत बड़ी ज़मीदारी स्वीकार की है आपने, जिसका सम्बन्ध राष्ट्रीय एकता से भी है. हमारा प्रयास यह रहे कि अमृत-मंथन से निकले ज़हर को खुद पी लें, समाज और देश में न फैलने दें. याद रहे, शेषनाग अभी मरा नहीं है. शिव का भी संघर्ष अभी जारी है. नफरत, द्वेष, ईर्ष्या और स्वार्थ क़ी ज्यादा उम्र नहीं होती है. जिन लोगों में ऐसे तत्व होते हैं, वे किसी न किसी रोग के शिकार रहते हैं. प्रवक्ता को ऐसे रोगियों से खुद को बचे रखना होगा. हमारी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ. -रंजन जैदी

  50. बहुत बहुत बधाई-एक जबरदस्त अभियान है आपका -शुभकामनाएं भी !

  51. KIND ATTENTION

    PRAVAKTA.COM:

    To type comments in Hindi, I find no letter to Click.

    कृपया सिस्टम में सुधार करवाएं कि transliteration की सुविधा सदा उपलब्ध रहे और इसके लिए बार-बार प्रार्थना की आवश्कता न करनी पड़े.

    धन्यवाद.

    – अनिल सहगल –

    • अनील जी, धन्यवाद
      कुछ ब्राउजर मे ये बटन नहीँ दिखता है, पर जैसा की Comment Box के नीचे, लिखा है, Ctrl और G बटन को एक साथ दबा कर आप भाषा बदल सकते हैँ, default मेँ यह हिन्दी है.

      सधन्यवाद
      संजीव सिन्हा

  52. चिरंजीव भव:
    बधाई व शुभ मंगल कामनाएं

    धन्यवाद

  53. हार्दीक बढ़ाई

    Dr. Prem Janmejai
    # 73 Saakshara Appartments
    A- 3 Paschim Vihar, New Delhi – 110063

  54. हिन्दी नेट पत्रकारिता मे कुछ ही लोग है जो बेहतर काम कर रहे हैं। उनमे आपकी प्रवक्ता की टीम बेहतर काम कर रही है। हार्दिक बधाई।

  55. बंधुवर आपका वेब पर इंटरव्यू सुंदर था। दो साल होने पर मेरी बधाई स्वीकार करें। मेरा आपको सहयोग आगे भी बना रहेगा।

  56. बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ

    विजय गौड
    Pipal Road, Badripur- Near Water Tank, P.O. Badripur, Dehradun- 248005

  57. प्रिय संजीव जी

    आप का प्रयास सराहनीय है. बधाई .

    अनिल

  58. प्रवक्ता डॉट काम के दो वर्ष पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं प्रेषित कर रहा हूँ. आपके इस उपक्रम की प्रभाविकता का ही परिणाम है कि अपने साहित्यिक और पत्रकारिता के जीवन में हमेशा हाथ से ही लिखने का अभ्यास होने के बावजूद सत्तर वर्ष की आयु में मेंने पहली बार यदा कद कुछ शब्द प्रस्तुत माध्यम से टंकित करके आपको भेजने की कला सीख ली है. आपके द्वारा अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य हो रहा है. मात्र वेब पत्रकारिता का सर्वेश्रेष्ठ स्वरूप ही अनुभव में नहीं आया है अपितु इसके साथ ही हिंदी के प्रयोग को भी प्रोत्साहन मिल रहा है. आशा करता हूँ अपने इस श्रेष्ठ प्रयोग को आप अंग्रेज़ी की दासी नहीं बनने देंगे जैसा कि आज भारतवर्ष में सर्वत्र हो रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण और राष्ट्रहित घातक स्थिति विकास है.

    विचारों का उन्मुक्त आदान प्रदान आज के परिवेश में नितान्त महत्त्वपूर्ण है. लेकिन जहाँ तक भारत का सम्बन्ध है उसमें सर्वाधिक योगदान भारत की माटी के साथ जुड़े विचारवान लोगों का ही होना चाहिए नाकि उनका जिनका प्रेरणा स्रोत विदेश हो. जो मात्र विदेशी भाषा में सोचते हों, विदेशी दृष्टि से भारत को देखना चाहते हों और विदेशी ढंग से ही जीना और जीना सिखाना चाहते हों. मैं अब एक विदेशवासी भारतीय हूँ लेकिन अपनी जन्मभूमि, मातृभूमि, पितृभूमि और पुण्यभूमि की पारंपरिक श्रेष्ठता और महत्ता पर घोर वैदेशिकता के साये मंडराते देख कर व्यथित होता हूँ.

    शुभाकांक्षी.
    नरेश भारतीय
    लेखक, पत्रकार और समीक्षक
    यू. के.

  59. भाई सिन्हा जी ,
    प्रवक्ता डाट काम की दूसरी सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई.
    आप दिन दुनी रात चौगुनी उन्नत करें ,यही हमारी कामना है.
    प्रदीप श्रीवास्तव
    निज़ामाबाद आन्ध्र प्रदेश

  60. प्रवक्ता डॉट कॉम के दो वर्ष होने पर मेरी ओर से श्री संजीव सिन्हा जी एवं श्री भारत जी को नमनl

    दो वर्ष पहले जब प्रवक्ता का निर्माण किया गया होगा, तब शायद इन लोगों ने भी नहीं सोचा होगा कि आने वाले कुछ वर्षों में प्रवक्ता देश को मीडिया के क्षेत्र में एक सुदृढ़ प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा,जिस तरह से प्रवक्ता ने इन दो सालों में इतनी ऊचाईयों को देखा है,इससे प्रवक्ता टीम की मेहनत साफ़ झलकती है:-
    “संघर्ष निश्चय ही कठिन है,क्योंकि जन्मों जन्मों के रोग है साथ,
    पर विजय असंभव नहीं क्योंकि स्वयं में अनंत शक्ति का आवास भी है.”

    जिस तरह से प्रवक्ता ने अपने इरादे सदैव बुलंद रखे है तो कुछ पंक्तियाँ याद आ रही है:-
    “लिख दो ये इबारत मील के हर पत्थर पर, मंजिले मिलती नहीं कभी नाकाम इरादों पर “
    और अंत में श्री संजीव सिन्हा जी को बस इतना ही कहना चाहूँगा कि मुझे गर्व है की पिछले २० सालो से मुझे आपके समीप रहने का मौका मिला, आप दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की करे इन्ही शुभेच्‍छाओं के साथ मेरा पुन: नमन l

  61. अपनी तो शुभ कामना यही है प्रवक्ता दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करे.द्वितीय वर्षगांठ पर ढेरों बधाईयाँ.सत्य असत्य के विवेचन को छोड़ कर आप सबको इसी तरह अपने विचार प्रकट करने का अवसर देते रहें,यही मेरी हार्दिक इच्छा है.यों भी सत्य सत्य होता है किसीका सत्य दूसरे के लिए असत्य हो ऐसा नहीं होता.अगर कोई ऐसा समझता है तो यह उसकी भूल है. सत्य का सूरज असत्य रूपी गहन अँधेरे को भी चीर कर बाहर आ ही जाता है.

  62. हिन्दी नेट पत्रकारिता में लगातार काम करने वाले कुछ ही लोग है उनमे आपका बहुमूल्य योगदान है। आपको और आपकी टीम को बधाई।

  63. केवल दो वर्ष में इतनी बड़ी सफलता, निसंदेह प्रशंसनीय है. पर आप-हम सब जानते हैं की यह अंतिम सीढ़ी नहीं. अभी सफलता के कई सोपान और चढने हैं. आप अपने कौशल, सतत प्रयास, विनम्रता व योग्यता से और उंचाईयों को छू सकेंगे, इसका विश्वास है.
    – अधूरी आज़ादी से पूर्ण आज़ादी तक की भारत की यात्रा में ‘प्रवक्ता.काम’ का योगदान अविस्मर्णीय होगा, इसमें मुझे कोई संदेह नहीं. शुभकामनाओं व अनेक आशाओं सहित आपका अपना,

  64. दो वर्ष पूर्ण होने पर प्रवक्ता की सम्पूर्ण टीम को बहुत बहुत शुभ कामनायें, संजीव सिन्हा मेरे परिचित हैं और मुझे हार्दिक हर्ष है कि आप इस टीम के सदस्य हैं, भगवान आप सब को देश सेवा और प्रगति के मार्ग पर सदैव अग्रसर रखे. मेरे बहुत शुभकामनाएं आप सब को, जय हिंद !!!!

  65. दूसरी वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनायें और बधाई …सामाजिक सरोकार से जुड़े रहें और 100 शानदार वर्ष पूरे करे यही मेरी कामना है …

  66. आज ‘प्रवक्‍ता डॉट कॉम’ के दो साल पूरे होने पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां

    होगी अवश्य अपूर्व जीत , होगा एक पुनरुत्थान …….
    लेकिन अभी तो वक़्त है बस अंतर्मन निश्चय का ,
    निश्चय निरंतर हो वेगवान गतिमय हो .
    अबोध शून्य रिक्तिका में प्रकाश दीप जलाना है .
    होगी अवश्य अपूर्व जीत होगा एक पुनरुत्थान
    कोटि-कोटि कण-कण में कहलाएगी प्रकृति महान – प्रकृति महान .

  67. मै आवेश ,प्रवक्ता को वहां से देखता हूँ ,जहाँ पर खबर सरोकार का हिस्सा बन जाते हैं |मुझे ये कहने में तनिक भी संकोच नहीं है ,संजीव ने प्रवक्ता को सिर्फ एक वेबसाईट ही नहीं एक ऐसे वैचारिक आन्दोलन का हिस्सा बना दिया है जहाँ पत्रकारिता समय ,परिस्थितियों घटनाओं को न सिर्फ निरपेक्ष तौर से देखती है बल्कि पत्रकारिता से जुड़े मूल्यों को महान तरीके से स्थापित भी करती है |इसका पारितोषिक ये है कि आज प्रवक्ता वेब पत्रकारिता की मिसाल बन गया है |भाई संजीव को ढेर सारी बधाई ,हमारा मित्र और हम सबकी ये वेबसाईट आगे बढे ,बस यही कामना है |

  68. आपके लेखकों और् विषयों का चुनाव उत्तम होता है,
    यह आपकी सफ़लता का एक रह्स्य है।
    आप प्रगति करते रहें,
    ऐसी शुभ कामनाओं के साथ
    बधाई
    विश्व मोहन तिवारी

  69. सत्य को किसीका डर नहीं होता। पर यह ध्यान रखें कि असत्य भी सत्यका चोला पहन कर, अल्पावधि के लिए विजय प्राप्त कर लेता है। और बार बार इसी अल्पावधि की विजयों की शृंखला(ओं) से, भारतका सूर्य आज तक पनप नहीं पाया है।
    एक ’सत्य’ जिसे समझने में मुझे दशक लगे, जिसे मैं हर भारत भक्त, भारत वासी, और वे सारे जो भारतकी भलाई (और उसके द्वारा विश्वकी भलाई) चाहते हैं, वह निम्न है।
    काफी चक्कर लगाकर, कुछ विश्वके विज्ञान और शास्त्र पढकर, अनेक वक्ताओं को सुनकर, अनेक विषयोंपर अध्ययन कर कर मैं इसी निर्णय पर पहुंचा हूं।
    वास्तवमें बिना अपवाद —(तैय्यार हो, सुनने ?)
    भारत वास्तवमें विश्व गुरू है।
    छप्पर पर चढकर यही मैं कहूंगा। प्रवक्ता डटा रहे।
    और शत्रुओंसे चौकन्ना भी। बुद्धु ना बनें।
    कृष्ण ने कंस का और कौरवों की पराजय करवाई थी।
    प्रवक्ता को बधाई।बधाई। बधाई।

  70. प्रवक्ता की दूसरी वर्षगाँठ पर हमारी हार्दिक बधाई. इसी तरह से अपने सफर को आगे बढ़ाता रहे.

  71. दो वर्ष पूरे होने पर बधाई !

    अब आपसे और भी उच्चतर श्रेणी के विचारोत्तेजक लेख की अपेक्षा करूंगा।

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