ऐसे करें भगवान् शिव जी की आराधना —-

ऐसे करें भगवान् शिव जी की आराधना —-

।। || ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं,वन्दे जगत्कारणम् lवन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं,वन्दे पशूनां पतिम् लाल
वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं,वन्दे मुकुन्दप्रियम् lवन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं,वन्दे शिवंशंकरम।।।

भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कुछ छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है, ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है, ये उपाय इस प्रकार हैं-
शिवपुराण के अनुसार इन छोटे उपायों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है :-

भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद जरूरतमंदों में बांट देना चाहिए।

शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन-सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है-

बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है, सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा भगवान शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
तीक्ष्ण बुद्धि के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
यदि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर है तो उसे उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए भगवान शिव का अभिषेक गौ माता के शुद्ध घी से करना चाहिए ।
शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है-

लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
शिव को प्रसन्न करने के लिए डमरू जरूर बजाएं और बम बम भोले बम बम भोले कहने से कृपा मिलेगी |
जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है।
दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
शिव जी को स्तुति प्रिय है अतः स्तुतियों से करें शिव आराधना—
शिव सहस्त्रनामावली का पाठ करें | शिव की सबसे प्रचलित स्तुति है—

ॐ कर्पूर गौरं करुणावतारं
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं
सदा वसन्तं हृदयारवृन्दे
भवं भवानी सहितं नमामि !!
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इन उपायों से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव—

सावन के माह में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी ।
अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गुल का धूप दें।
सावन के माह में शिवलिंग पर केशर मिला दुध चढाने से विवाह कार्य में आ रही बाधा दूर होती है।
सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में ‘राजा’ ‘महाराजा’ जैसी सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
सावन में गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद शिव मंदिर में भगवान शिव का जल से अभिषेक कर उन्हें काले तिल अर्पण करें तत्पश्चात मन ही मन में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
सावन में किसी नदी या तालाब जाकर ॐ नमः शिवाय का जप करते हुए आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं, यह धन प्राप्ति का बहुत ही सरल उपाय है।
सोमवार के दिन भगवान शिवजी को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें। प्रसाद को गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्र सहित ग्रहण करें।
सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
इस मंत्र का करें जाप—
ॐ नमः शिवाय॥

पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार एक ग्रन्थ में आया की श्रावण में कोई नित्य रावण कृत शिव ताण्डव स्त्रोत का पाठ करता हैं तो रावण उन पर मेहरबान होता हैं ।
और यदि द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग मंत्र का पाठ करता हैं तो भगवान् विष्णु प्रसन्न होते हैं ।
और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करते हैं तो माँ दुर्गा आपके रोग और ग्रह को दोष को नष्ट कर देती हैं ।
और मात्र
“”ॐ नमः शिवाय”” जपते हैं तो भगवान् शिव स्वयं खुश होते हैं ।
और “”ॐ गं पां बं कां शिवाय नमः”” बोलने से शिव परिवार खुश होता हैं जो सभी अभिष्ट फल को देते हैं ।
इस श्रावण मास में आप हो सकते हैं कष्ट से मुक्त एक मंत्र मात्र शिव के नाम से ।
“”जय सदा शिव आनंद श्रावणानन्द नमः शिवाय शिव तराय ।”‘
किसी भी समस्या के लिए श्रावण में करे उचित उपाय किसी योग्य विद्वान् ब्राह्मण आचार्य द्वारा आपको शीघ्र सफलता प्राप्त होगी । कल्याण हो।। शुभम भवतु।।
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शिव की पूजा से बढ़ाए आमदनी—

सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जप करें-

ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं||

प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं, बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार शिव ही एक मात्र ऐसे भगवान् हैं जो प्रकृति से उत्पन्न किसी भी वस्तु को चढाने से खुश होते हैं ।
1. बिल्व पत्र
2 आक के फूल
3 शमी के पत्ते
4 शमी के फूल
5 धतुरा
यह 5 ऐसी वस्तु हैं जिनको शिव को चढाने से हर कष्ट से मुक्ति मिलती और सुख सम्पदा धन यश कीर्ति की वृद्धि होती हैं ।
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संतान प्राप्ति के लिए अद्भुत उपाय—

सावन में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का पूजन करें, इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें, उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।

उत्तम स्वास्थ्य और बीमारी ठीक करने के लिए उपाय—

सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें, अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ॐ जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।

1 COMMENT

  1. शिव हर मनुज के अंदर विराजमान है. शिव के बिना मनुज शव ही तो है. किसी भौतिक कर्म द्वारा उनकी आराधना मन के अन्दर वाले शिव की पूजा का ही प्रकल्प भर है. भावना महत्वपूर्ण है, कृत्य गौण है. कृत्यों को अधिक महत्व देना ठीक नहीं. अलख निरंजन !!

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