राजनीति हिंसा से बढ़ता सामाजिक अलगाव एवं अकेलापन October 16, 2019 / October 16, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग आज देश ही नहीं, दुनिया में हिंसा, युद्ध एवं आक्रामकता का बोलबाला है। जब इस तरह की अमानवीय एवं क्रूर स्थितियां समग्रता से होती है तो उसका समाधान भी समग्रता से ही खोजना पड़ता है। हिंसक परिस्थितियां एवं मानसिकताएं जब प्रबल हैं तो अहिंसा का मूल्य स्वयं बढ़ जाता है। हिंसा किसी भी […] Read more » अकेलापन हिंसा हिंसा से बढ़ता सामाजिक अलगाव
समाज टूटते संयुक्त परिवार ने बढ़ाया बुजुर्गो का अकेलापन July 20, 2016 by प्रीति कुमारी | Leave a Comment परिवार स्थायी एवं सार्वभौमिक संस्था है, परन्तु प्रत्येक स्थान पर इसके स्वरूप में भिन्नता पायी जाती है। उदाहरणार्थ – पश्चिमी देशों में मूल परिवार या दाम्पत्य परिवार की प्रधानता थी तो भारतीय गांव में संयुक्त परिवार या विस्तृत परिवार की। परिवार के अभाव में हम समाज की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आगस्त काम्टे ने […] Read more » अकेलापन टूटते संयुक्त परिवार बुजुर्गो का अकेलापन